भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का ऐलान कर दिया है। मध्यप्रदेश में आरएसएस और कांग्रेस आमने सामने आ गए हैं। मामला आदिवासी राजनीति का है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत चाहते हैं कि जनगणना के दौरान आदिवासी धार्मिक कॉलम में अपनी पहचान हिंदू बताएं। संघ प्रमुख ने इसके लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सीएम कमलनाथ ने कहा कि यदि ऐसा कोई अभियान चलाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आदिवासी राजनीति पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने क्या कहा
आदिवासी अंचल में ईसाई मिशनरीज के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अभियान दशकों से चल रहा है। आदिवासी वर्ग आरएसएस से जुड़ भी रहा है परंतु चिंता का विषय यह है कि वह भाजपा का पक्का वोट बैंक नहीं बन रहा है। आदिवासियों में संघ की पैठ को मजबूत करने के लिए बीते दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भोपाल में विचारकों के साथ चर्चा की और इस दौरान साफ कहा कि 2021 की जनगणना में आदिवासियों की धार्मिक पहचान को हिंदू के तौर पर दर्ज कराने के लिए अभियान चलाया जाए। साथ ही आदिवासियों को प्रेरित किया जायें को वो धर्म के कालम में हिंदू शब्द का इस्तेमाल करें।
RSS ने कोई अभियान चलाया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी: मुख्यमंत्री कमलनाथ
सीएम कमलनाथ ने इस दौरान कहा कि संघ का आदिवासी को हिंदू धर्म बताने के लिए प्रेरित करना ठीक नहीं है। आदिवासियों को धार्मिक पहचान बताने के लिए मजबूर करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आदिवासी को हिंदू घोषित करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। कमलनाथ ने कहा कि एनआरसी लागू करने में विफल संघ, अब अपने खतरनाक मंसूबों को दूसरे रास्तों पर लागू करने में लगा है। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि आरएसएस ने अभियान चलाया तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
संघ के बचाव में उतरी बीजेपी
अब इस मामले संघ के बचाव में बीजेपी उतर आई है. बीजेपी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि यदि संघ आदिवासियों को हिंदू धर्म के साथ जोड़ने के लिए जनजागरुकता अभियान चलाता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है. गौरतलब है कि बहरहाल प्रदेश के बीस जिलों में 89 आदिवासी विकासखंड हैं.