भोपाल। कमलनाथ की कुर्सी छोड़ते ही शिवराज सिंह चौहान अचानक सुर्खियों में आ गए। सुबह से लेकर शाम तक शिवराज सिंह चौहान भाजपा के 100 विधायक एवं दर्जनों वरिष्ठ नेताओं को लेकर यहां वहां फोटो खिंचवाते रहे और शाम को अपील जारी करते नजर आए कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक दूसरे से दूर रहे।
शुक्रवार सुबह करीब 12:00 बजे जब भाजपा के विधायक सीहोर स्थित एक रिसोर्ट से जब रवाना हुए तो भोपाल पहुंचने से पहले उन्हें पता चल चुका था कि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, अब फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। इससे पहले गुरुवार की रात भाजपा के छोटे से छोटे कार्यकर्ता को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अपील पता चल गई थी। 100 भावे के शिवराज सिंह चौहान को भी चल गई होगी लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।
भाजपा विधायकों की बसों का ना तो सैनिटाइजेशन किया गया और ना ही विधायकों ने मास्क लगाए। बसों में जश्न मनाते हुए भाजपा के विधायक भोपाल पहुंचे। विधानसभा गए और इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने घोषणा कर दी थी कि पार्टी आने वाले कुछ दिनों तक कोई भी ऐसा कार्यक्रम आयोजित नहीं करेगी जिसमें 20 से अधिक लोग शामिल होते हो। यहां तक कि विरोध प्रदर्शन भी नहीं किए जाएंगे। बावजूद इसके शिवराज सिंह चौहान विधायकों को लेकर यहां-वहां घूमते रहे। मीडिया को भरपूर मसाला देने के बाद वापस लौटे।
केंद्रीय नेतृत्व नाराज हुआ तो अपील याद आ गई
शिवराज सिंह चौहान ने अपने घर पर एक विशाल रात्रि भोज का आयोजन कर डाला। 106 विधायकों सहित भाजपा के कई नेताओं को आमंत्रित किया गया। जब केंद्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी मिली तो वहां से जो प्रतिक्रिया आई और शिवराज सिंह के लिए मंगलकारी नहीं थी। अमित शाह की वक्र दृष्टि से बचने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने नरेंद्र मोदी की माला का जाप करना शुरू कर दिया है। शाम को उन्होंने अपने घर से अपील जारी की है कि "यथासंभव बड़े आयोजनों से बचें। #COVID-19 को कंट्रोल करने में हम सब अपना योगदान दें; प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के पीछे चलें ताकि हम स्वयं को बचाएं, समाज को बचाएं, देश बचाएं, देश को बचाएं और जगत को बचाएं!