मुरैना। बोर्ड परीक्षाओं से बचने के लिए बच्चे क्या कुछ नहीं कर लेते। कक्षा 12 के एक छात्र ने अपने 3 साल के भतीजे का अपहरण केवल इसलिए कर लिया ताकि उसे परीक्षा देने न जाना पड़े। अपहरण परीक्षा से ठीक पहले किया गया। आरोपी छात्र पढ़ाई लिखाई में काफी कमजोर है और परीक्षा देना नहीं चाहता था।
पुलिस के मुताबिक जौरा थाना क्षेत्र के पिपरौआ गांव में रहने वाला आरोपित रणवीर पुत्र कृपाराम कुशवाह उम्र 19 वर्ष टुडीला गांव में शादी समारोह में शामिल होने गया था। यहां उसके चचेरे भाई नेमीचंद कुशवाह अपने 3 साल के बेटे आशिक के साथ आए थे। इसी दौरान आरोपित रणवीर के मन में ख्याल आया कि उसे अगर परीक्षा देने से बचना है तो भतीजे के अपहरण का खेल रचना चाहिए। ताकि सभी के साथ वह भी भतीजे की तलाश में लग जाए और उसे परीक्षा देने न जाना पड़े।
देर रात आरोपित ने बच्चे का अपहरण कर लिया और खटिया पर पत्र छोड़ दिया। पत्र में शर्त रखी थी कि बच्चे को सकुशल पाना है तो रात 12.50 बजे बच्चे के पिता जारह-जतावर की पुलिया पर रणवीर को साथ लेकर आ जाएं। अगर आशिक की सलामती चाहते हो तो रणवीर की पढ़ाई बंद करवा दो। सूचना पर रात करीब 3 बजे जौरा एसडीओपी सुजीत भदौरिया मौके पर पहुंचे। उनका ध्यान इस बात पर गया कि आरोपित ने रणवीर की पढ़ाई बंद करवाने का जिक्र क्यों किया। पुलिस ने रणवीर से पूछताछ की और मामला खुल गया।
इसलिए किया भतीजे का अपहरण
रणवीर पढ़ाई में काफी कमजोर है। वह कक्षा 10 में फेल हो चुका था। ओपन फार्म भरके उसने जैसे-तैसे दसवीं पास की। 12वीं में सोमवार को उसका हिंदी विशिष्ट का पेपर था। इसी भय के कारण उसने साजिश रची। पुलिस के मुताबिक आरोपित जब कक्षा 10 में था तो घर से गायब हो गया था और उसने घर वालों के मोबाइल पर कॉल कर बताया कि उसे कुछ लोग जबरदस्ती उठा ले गए हैं और ग्वालियर में छोड़कर भागे हैं। इसके बाद घर वाले रणवीर को घर ले आए थे।
19 साल के छात्र रणवीर ने परीक्षा से बचने के लिए बच्चे की जान को संकट में डाल दिया। पत्र में रणवीर की पढ़ाई बंद करवाने की बात से हमें रणवीर पर शक हुआ था। आरोपित के खिलाफ अपहरण और अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
सुजीत सिंह भदौरिया, एसडीओपी जौरा