भोपाल। मध्य प्रदेश पॉलीटिकल क्राइसिस के बीच सुप्रीम कोर्ट डिसीजन आने के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर श्री एनपी प्रजापति ने उन सभी 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं, जिन्हें कल उन्होंने राज्यपाल को लिखे पत्र में लापता बताया था। एमपी के स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा दुखी हूँ भारी मन से ये इस्तीफ़े इसलिए स्वीकार किए क्योंकि ये MLA मेरे ख़िलाफ़ ही कोर्ट में खड़े हो गये। ये लोकतंत्र की बिडंबना है। हालांकि 16 विधायकों की तरफ से कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक सभी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार
मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजगुरु दिग्विजय सिंह और विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति लगातार यह बात दोहरा रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी ने उनके विधायकों को बंधक बना लिया है। उनकी स्वतंत्रता को बाधित किया गया है। विधायकों का ब्रेनवाश किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान भी कांग्रेस ने यही कहा था और बताया था कि इसी कारण के चलते इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए परंतु रात 11:00 बजे स्पीकर ने सभी इस्तीफे स्वीकार कर लिए।
Madhya Pradesh Assembly Speaker NP Prajapati: Resignations of all members of the assembly who had submitted their resignation on 10th March 2020, have been accepted.
सरकार बनाने के लिए सिर्फ 104 विधायकों की जरूरत
इस तरह विधानसभा में विधायकों की संख्या 230 से घटकर 206 रह गई है। सरकार बनाने के लिए 104 विधायकों की जरूरत है। भारतीय जनता पार्टी के पास 107 विधायक हैं। बताया जा रहा है कि तीन विधायक कांग्रेस के साथ आ सकते हैं। तब भारतीय जनता पार्टी के पास केवल 104 विधायक रह जाएंगे।
- कांग्रेस विधायकों की संख्या 92
- सहयोगी विधायकों की संख्या 7
- भाजपा के विधायक 03
- सुबह तक जरूरी विधायक मात्र 02
- जो संभवत: विंध्य क्षेत्र से आएंगे
- बातचीत मालवा में भी चल रही है।
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