Madhya Pradesh political crisis | supreme court hearing
भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के बहुमत परीक्षण हेतु सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका पर आज सुबह से ही तीखी बहस शुरू हुई। स्पीकर एनपी प्रजापति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने विपक्ष पर हमला करते हुए विधायकों के इस्तीफे पर विचार करने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2 सप्ताह का समय देने से इनकार करते हुए कहा कि हम विधायकों की खरीद-फरोख्त रुकने के लिए जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट को लेकर लगी याचिका में स्पीकर एनपी प्रजापति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल की कोशिश की जा रही है। बार-बार फ्लोर टेस्ट का मंत्र जपा जा रहा है। दलबदल कानून से बचने के लिए नया तरीका अपनाया गया है, 16 विधायकों के बाहर रहने से सरकार गिर जाएगी। बाद में सरकार बनने पर ये 16 विधायक इसका फायदा उठाएंगे। वकील ने कहा कि विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करने के लिए स्पीकर को 2 हफ्ते का समय दिया जाए।
विधानसभा अध्यक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस्तीफा देने वाले विधायकों से बात करें
जस्टिस चंद्रचूड़ ने इस पर कहा कि हम विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराना चाहते हैं। इस पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्पीकर की विधायकों से बात करने का सुझाव भी दिया। इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा पर्यवेक्षक बैठाने की भी बात कही। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
कमलनाथ सरकार को 2 सप्ताह का समय क्यों चाहिए: शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री एनपी प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में 2 सप्ताह का समय मांगा है। चौहान ने पूछा कि उन्हें इतना समय क्यों चाहिए। क्या वह हॉर्स ट्रेडिंग करना चाहते हैं। उनके पास संख्या बल नहीं है। वह समय मांग रहे हैं ताकि वह कुछ और करना चाहते हैं।
हम आराम से हैं क्योंकि हमें पता है हमारी जीत होगी: शिवराज सिंह
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान : हम आराम से हैं, विधायक आराम से हैं और आने वाले समय को देखते हुए जनता भी आराम से है। सत्य की विजय होगी, न्याय की जीत होगी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर हम सबका विश्वास है।