भोपाल। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड भोपाल द्वारा आयोजित हाईस्कूल परीक्षा के सामाजिक विज्ञान पेपर में कश्मीर से संबंधित दो विवादित प्रश्न पूछे गए। जब इन्हें लेकर विवाद हुआ तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पेपर बनाने वाले 2 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया जबकि दोनों शिक्षकों का कोई दोषी नहीं था। उन्होंने वही सवाल पूछा जो किताब में लिखा था। गलती किताब लिखने वालों की है, जो नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। असली दोषियों के नाम हम बताते हैं, हिम्मत हो तो फटाफट कार्रवाई करके दिखाएं।
दिनांक 7 मार्च को मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा जो पेपर भेजा गया था उसमें किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं थी। पेपर सेट करने वालों ने वही किया जो उन्हें करना चाहिए था। "आजाद कश्मीर" पर जो बवाल उठ रहा है, वह पूरे साल भर मध्य प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया गया। स्वाभाविक है पेपर में वही सवाल आना था। यदि किसी की गलती है तो वह पाठ्य पुस्तक लिखने वालों की है।
पाठ्य पुस्तकों के लेखक नेताओं के चमचे हो गए हैं
पिछले कुछ सालों में पाठ्य पुस्तकों में कई प्रकार की त्रुटियां दिखाई दी है। प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक जितनी भी पुस्तकें लिखी जा रही है उनमें से ज्यादातर पुस्तकों के लेखक या तो नेताओं से कनेक्टेड हैं या फिर कमीशन खोर पब्लिशर से। इन लेखकों के पास ज्ञान और बौद्धिक संपदा की काफी कमी है। आप कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक की कोई भी किताब उठा लीजिए। प्रत्येक पुस्तक में कम से कम 10 विवादित और 100 से ज्यादा बेवकूफी भरे सवाल मिल जाएंगे।