दमोह। सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 विज्ञापन, परीक्षा और दस्तावेज सत्यापन से लेकर नियुक्ति तक संदेह में है जिसे लेकर याचिकाएँ भी माननीय न्यायालय में है और यह भर्ती न्यायालय के अध्यधीन है।
पहले तो इस परीक्षा के विज्ञापन की शर्तों में ही संशोधन हुआ,औऱ आवेदकों को दस्तावेज अपलोड करने के लिये आवेदन जमा होने की अंतिम तिथि निकल जाने के बाद लिंक ओपन की गई,इस तरह लोक सेवा आयोग और उच्च शिक्षा विभाग ने 32 से ज्यादा संशोधन इस परीक्षा में किये, जिससे संदेह होना भी लाजमी रहा,क्योकि इस परीक्षा से साक्षात्कार और सामान्य ज्ञान का पेपर समाप्त करना। विज्ञापन के बाद सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिये आयु सीमा 44 वर्ष होना, दस्तावेज सत्यापन के बाद भी 712 आवेदकों को बार बार अपूर्ण, अधूरे दस्तवेजो को सुधारने का मौका देना जॉइनिंग में समय सीमा समाप्त करना, जॉइनिंग लिस्ट बार बार निकालना और अब जो सूची निकली उनमे दर्ज उम्मीदवारों की योग्यता पर प्रश्न खड़े हो गए है।
दमोह के ,के एन कॉलेज में एक नव नियुक्त सहायक प्राध्यापक ने जमा किये अपने सर्टिफिकेट में उल्लेख किया कि उनके परिवार की कुल वार्षिक आय 60 हजार है,जबकि वे स्वयं 84 हजार रुपये बतौर शिक्षक, सालाना कमा रहे थे,औऱ पूर्व में अतिथि विद्वान थे।अगर गंभीरता से सभी आवेदकों के सर्टिफिकेट की जांच हो जाये तो कई खुलासे सामने आ सकते है।
उच्च शिक्षा विभाग ने 16 मार्च को 26 उम्मीदवारों की सूची जारी की जिसमे से 05 अभ्यर्थियों को दमोह जिले से संबंधित कॉलेज आवंटित किए गए है,परन्तु जानकारी के अनुसार इन नव चयनित सहायक प्राध्यापकों के पास निर्धारित योग्यता ही नही है पर चयनित हो जाना संदेह के घेरे में हैं। विज्ञापन के अनुसार वाणिज्य विषय के उम्मीदवार को वाणिज्य विषय से ही नेट परीक्षा पास होना मान्य था, पर आश्चर्य तो यह है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आवेदकों को त्रुटि सुधार का बार बार मौका देने के बाद भी ऐसे मामले सामने आना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
प्रकरण 1: शासकीय महाविद्यालय हटा में वाणिज्य विषय में राहुल चौधरी की पदस्थापना की गई जिनकी योग्यता बीएससी, एमबीए, नेट- मार्केटिंग है।
प्रकरण 2: शासकीय महाविद्यालय जबेरा में कॉमर्स में वरुण पंडोले की पदस्थापना की गई जिनकी योग्यता एमबीए मार्केटिंग है।
प्रकरण 3: शासकीय महाविद्यालय तेन्दूखेड़ा में कॉमर्स विषय मे सोनू चढ़ार को पदस्थापना दी गई जिनकी योग्यता एमबीए, नेट मैनेजमेंट है।
प्रकरण 4: शासकीय महाविद्यालय हटा में मनोज सिंह गुर्जर को नियुक्ति दी गई। जिनकी योग्यता बीए, एमबीए, एप्लाइड मैनेजमेंट है।
प्रकरण 5: शासकीय महाविद्यालय पथरिया में कॉमर्स विषय मे ममता वर्मा को पदस्थ करने का आदेश जारी हुआ इनकी योग्यता बीएससी, एमबीए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभारी प्राचार्य पथरिया ने नियुक्ति न देते हुए, उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है।
इस संबंध में धीरज जॉनसन का कहना है कि यह परीक्षा पहले से ही विवादित है औऱ अब इन प्रकरणों को देखकर लगता है कि मामला अति गंभीर है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिये।अगर आवेदकों के दस्तावेजो का सत्यापन परीक्षा आयोजित होने के पहले कर लिया जाता तो योग्य अभ्यर्थियों को चयन का मौका मिलता, विवादास्पद नियुक्ति न हो पाती।