नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चल रहे पॉलीटिकल क्राइसिस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री एनपी प्रजापति की सभी दलीलों को नामंजूर करते हुए उन्हें 24 घंटे का समय दिया है। 24 घंटे के भीतर उन्हें फैसला करना होगा।
मामला 16 विधायकों के इस्तीफे का है। मध्यप्रदेश विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने 16 विधायकों के इस्तीफे को ना तो मंजूर किया है और ना ही नामंजूर किया है। फाइल में दबाकर बैठे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में एनपी प्रजापति ने इसके लिए 2 सप्ताह का समय मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने इतना वक्त देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि फ्लोर टेस्ट के लिए ज्यादा वक्त देना गलत होगा। इससे हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना बढ़ जाएगी।
स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विधायकों ने उनके समक्ष आकर त्यागपत्र नहीं दिए हैं बल्कि भाजपा के नेताओं ने ला कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विकल्प प्रस्तुत किया कि स्पीकर चाहे तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विधायकों से बात कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुपर विजन कर लेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मात्र 24 घंटे का समय दिया है। स्पीकर या तो विधायकों के इस्तीफे मंजूर करें या फिर ना मंजूर करें। कुल मिलाकर मामला फैसला पर आ गया है। सरकार किसी तरह 26 मार्च तक का समय चाहती थी। अब वह मुश्किल होता नजर आ रहा है।