लखनऊ। कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ने से प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी भयभीत वातावरण में काम कर रहे हैं। बात राजधानी के मध्य स्थित जवाहर भवन और इंदिरा भवन परिसर की करें तो यहां पर 72 राज्य सरकार के निदेशालय व विभागाध्यक्ष कार्यालय दो बिल्डिंगों में स्थित हैं। करीब 10 हजार अधिकारी व कर्मचारी इनमें काम करते हैं। इसके बावजूद इन विभागों में किसी प्रकार के इंतजाम कोरोना वायरस से बचाव के लिये नहीं किये गये हैं।
जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ की आपात बैठक मंगलवार को सतीश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई। जिसमें इस संकट से निपटने के लिये प्रदेश सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम की प्रशंसा की गई। किन्तु सरकारी दफ्तरों में कोई ठोस व्यवस्था न किये जाने पर चिंता भी जताई गई। महामंत्री सुशील कुमार बच्चा ने संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री से 31 मार्च तक सरकारी कार्यालयों (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर) को 31 मार्च तक बंद किये जाने की मांग की। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि परिसर में गंदगी, जलभराव होना, जगह-जगह पार्किंग, कोई सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम तक नहीं हैं। ऐसे में यहां हजारों कर्मचारियों पर खतरा मंडरा रहा है।
एलआईयू कार्यालय में आते विदेशी फिर भी सतर्कता नहीं
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि एलआईयू का आफिस भी इसी परिसर में है जिसमें विदेशी भी आते हैं। मलेरिया विभाग, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद व होम्योपैथिक निदेशालय जैसे चार स्वास्थ्य के अहम महकमे हैं। पेंशन निदेशालय, खाद्य एवं रसद, अल्पसंख्यक आयोग जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। प्रदेश भर से इस परिसर में आने-जाने वालों की संख्या में रोजाना हजारों की रहती है। इसके बावजूद इस परिसर में कोराना जैसी महामारी से बचाव के किसी तरह के इंतजाम अभी तक शुरू नहीं किये गये हैं।
आपातकालीन राशि का उपयोग नहीं कर रहे विभागाध्यक्ष
जवाहर भवन और इंदिरा भवन में लगभग 50 विभागाध्यक्ष कार्यालयों में हजारों कर्मचारी कार्यरत हैं और लगभग यह विभाग सीधे जनता से जुड़े हैं। दोनों भवनों में न तो किसी प्रकार का सैनिटाइजेशन का इंतजाम किया गया है और न ही थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है। कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पाण्डेय और महामंत्री सुशील कुमार बच्चा ने विभागाध्यक्षों से आपातकालीन राशि में भी कर्मचारियों को मास्क व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करने की मांग की है।