भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चौहान ने एक बयान देकर मध्य प्रदेश की राजनीति में सनसनी मचा दी है। दिग्विजय सिंह का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विधायकों को तोड़ रही है। विधायकों को 25 से 30 करोड़ पर क्या ऑफर दिए गए हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में जल्द ही बजट सत्र की शुरुआत होने वाली है। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि हमारे विधायक बिकाऊ नहीं है।
शिवराज सिंह सीएम और नरोत्तम मिश्रा डिप्टी सीएम बनने का सपना देख रहे हैं
दिग्विजय ने कहा- मैं बिना तथ्यों के आरोप नहीं लगाता। शिवराज और नरोत्तम में सहमति बन गई है। एक मुख्यमंत्री और दूसरा डिप्टी सीएम बनने का सपना देख रहे हैं। शिवराज और नरोत्तम कांग्रेस विधायकों को फोन कर रहे हैं और खुलेआम 25 से 35 करोड़ रुपए की पेशकश कर रहे हैं। 5 करोड़ अभी ले लो, दूसरी किश्त राज्यसभा चुनाव में और तीसरी किश्त सरकार गिराने (फ्लोर टेस्ट) के बाद दी जाएगी।
दिग्विजय सिंह, कमलनाथ को ब्लैकमेल करना चाहते हैं: शिवराज सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ को ब्लैकमेल करना चाहते हैं। दिग्विजय झूठ फैलाने में माहिर हैं। उन्हें अपनी उपयोगिता दिखानी होगी और किसी को डराना-धमकाना होगा, इसलिए ऐसा बयान दे रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने पहले भी कहा था मेरे पास सबूत है
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जनवरी 2019 में भी भाजपा नेताओं पर कांग्रेस विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था। तब उन्होंने कहा था- भाजपा नेताओं द्वारा विधायकों को 100 -100 करोड़ के ऑफर दिए गए हैं, मेरे पास इसके सबूत हैं। इस पर भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि दिग्विजय आरोप लगाने से पहले सोचें कि 100 करोड़ की राशि होती कितनी है।
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार कैसे गिरी थी
कर्नाटक में 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस-जेडीएस की 14 महीने पुरानी गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गई थी। गठबंधन ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी।
कमलनाथ विधानसभा में एक बार बहुमत सिद्ध कर चुके हैं
कर्नाटक के घटनाक्रम के बाद मध्यप्रदेश में भी सरकार के फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनी थी। 24 जुलाई 2019 को विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने सुबह मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि पार्टी के नंबर एक और दो आदेश दे दें तो 24 घंटे में सरकार गिरा देंगे। इसके 5 घंटे बाद ही कमलनाथ ने बहुमत सिद्ध कर दिया था। विधानसभा में आपराधिक कानून (मध्यप्रदेश संशोधन) बिल, 2019 पर चर्चा के दौरान बिल पर वोटिंग हुई तो इसके समर्थन में 122 वोट पड़े जो बहुमत से 7 ज्यादा थे।
मध्यप्रदेश विधानसभा में किसके पास कितने विधायक
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। 2 विधायकों का निधन होने से वर्तमान में 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 115 विधायक हैं। (सरकार में मंत्री 1 निर्दलीय भी शामिल) सरकार को अन्य 3 निर्दलीय विधायक, 2 बसपा और 1 सपा विधायक का भी समर्थन। भाजपा के पास 107 विधायक हैं।