भोपाल। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित श्यामला हिल्स मुख्यमंत्री निवास को बड़ी शिद्दत के साथ कारपोरेट ऑफिस बनाया था। कमलनाथ वल्लभ भवन में 600 करोड रुपए से बनाई गई एनेक्सी के सीएम ऑफिस में नहीं बैठते थे बल्कि उन्होंने सीएम हाउस को ही ऑफिस बना दिया था। कमलनाथ खुद किसी कंपनी के सीएमडी की तरह बैठते थे। डेढ़ लाख करोड़ के कर्ज में डूबे सरकारी खजाने से ₹38 करोड़ इसके लिए खर्च किए गए थे लेकिन कमलनाथ पूरे 1 साल 20 का आनंद नहीं उठा पाए।
कमलनाथ सीढ़ियां नहीं चढ़ पाते थे इसलिए लिफ्ट लगाई थी
मध्यप्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम हाउस में बड़े बदलाव करवाये थे। 6 श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की कायाकल्प कर यहां फर्नीचर, इंटीरियर और कई तरह के निर्माण कार्य किए गए। जिसमें मुख्यमंत्री का कक्ष और अन्य सहयोगियों के केबिन भी बनाए गए। इस बंगले में लिफ्ट भी लगाई गयी है जिससे कमलनाथ को पहली मंजिल पर जाने के लिए सीढ़ियां न चढ़नी पड़े। पीडब्ल्यूडी ने सीएम हाउस को कॉर्पोरेट लुक देने के लिए वास्तुविदों से प्रस्ताव मांगा था। वास्तुविदों के प्रेजेंटेशन को खुद कमलनाथ ने देखा और पसंद आने के बाद निर्माण कार्य और लागत तय हुई।
इससे पहले साल 2003 में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद भाजपा सरकार की नई मुख्यमंत्री बनीं उमा भारती, फिर बाबूलाल गौर और 2005 से शिवराज सिंह चौहान इस बंगले में रह रहे थे। इस दौरान भी इस बंगले में कई बदलाव हुए लेकिन कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 श्यामला हिल्स का फिर से कायाकल्प किया गया। शिवराज सिंह चौहान ने 650 करोड़ रुपए की लागत से वल्लभ भवन में एनेक्सी का निर्माण करवाया था जिसमें कि नया मुख्यमंत्री कार्यालय बनाया गया लेकिन कमलनाथ ने वल्लभ भवन के बजाय CM हाउस को ही अपना दफ्तर बनाया था, नीचे देखिये की कौन से बदलाव किये गए।
- 6 श्यामला हिल्स स्थित सीएम हाउस में मुख्यमंत्री के कक्ष से लगा एक स्टाफ कक्ष, जिसमें प्रमुख सचिव और सचिव के साथ उनके सहायकों के कैबिन।
- नया मीटिंग हॉल जिसमे लगभग 75 लोगों के बैठने की व्यवस्था।
- प्रमुख सचिव और सचिव के साथ उनके पीए के लिए अलग-अलग चेंबर।
- एसपी सिक्योरिटी, ओएसडी, पर्सनल ओएसडी और उनके पीए के भी अलग कक्ष।
- असिस्टेंट के साथ डॉक्टर का रूम अलग क्योंकि कमलनाथ की तबीयत कभी भी खराब हो सकती थी।
- उप सचिव व उनके पीए के लिए भी अलग कमरा।
- प्रोग्राम सेक्शन का केबिन और सलाहकार के लिए भी अतिरिक्त कक्ष।
- वीडियो सर्विलांस सुविधा के साथ सिक्योरिटी ऑफिस व सिक्योरिटी रूम पांच लोगों की क्षमता के साथ। जन शिकायत कक्ष।
- तीन वेटिंग रूम। एक वीवीआईपी व वीआईपी के लिए, एक रिसेप्शन व वेटिंग एरिया और एक आम लोगों के लिए।