इंदौर। एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ अभी तक पुलिस के पास 80 शिकायतें आ गई हैं, सेबी से इन कंपनियों की रिपोर्ट आज मिलेगी। पुलिस को शिकायत करने वालों में गुजरात की एक महिला डॉक्टर भी शामिल है, कंपनी के प्रतिनिधियों ने दोगुना फायदा कराने का लालच देकर उनसे करीब 56 लाख की धोखाधड़ी की है।
पुलिस ने साइबर सेल की हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिस पर लगातार शिकायतें आ रही है। इसके बाद आइजी विवेक शर्मा की रडार पर एडवाइजरी कंपनियां आई हैं और उन्होंने सभी पर कार्रवाई के लिए कहा है। रविवार को बड़ौदा, गुजरात से डॉ. सुर्वना ताम्बर्डे ने हेल्पलाइन पर कॉल कर इंदौर की एडवाइजरी कंपनी की शिकायत की। डॉ. सुर्वना ने पुलिस को बताया, मिडकेप गेंस कंपनी के प्रतिनिधियों ने उनसे बात राशि निवेश करने पर दोगुना फायदा कराने का झांसा दिया था। झांसे में आकर धीरे-धीरे कर उन्होंने करीब 56 लाख रुपए का निवेश कर दिया लेकिन फायदा नहीं हुआ। बाद में कंपनी के प्रतिनिधियों ने अपने मोबाइल भी बंद कर दिए। पुलिस ने सोमवार को उन्हें रिपोर्ट कराने के लिए बुलाया है।
बेंगलूरु से गुरु प्रशांत ने भी पुलिस की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। गुरु प्रशांत का आरोप था कि उसे भी निवेश का झांसा देकर मिडकेप गेंस कंपनी के लोगों ने अपने अकाउंट में करीब 30 लाख रुपए जमा करा लिए। शुरुआत में कुछ फायदा बताया, लेकिन बाद में सारी राशि हड़प ली। सुभाष भूपी से 12 लाख, दत्तात्रय सूर्यवंशी से इसी कंपनी ने 19 लाख की धोखाधड़ी की। बड़ौदा के क्षितिज गर्ग ने भी फाइनटेक रिसर्च के द्वारा 19.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत की है। सभी शिकायतों की जांच अलग अलग टीमें कर रही है। एएसपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, पुलिस ने पिछले दिनों छापा मार कार्रवाई कर तीन कंपनी के संचालकों अमित गंगराड़े, पवन, विक्की को गिरफ्तार किया था। रिमांड लेकर पूछताछ करने के बाद इन्हें कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया है।
धोखाधड़ी के मामले में आइडियल स्ट्रोक, रिसर्च इंफोटेक, फ्यूचर इन्वेस्टमेंट, मनी मंत्र, अराइव इन्वेस्टमेंट, केयर इन्वेस्टमेंट, डिजायर इन्वेस्टमेंट जैसी कंपनियों की कई शिकायतें इसमें शाामिल हैं। संदिग्ध कंपनियों के संचालक निशांत, शशांक, विवेक, सुनील की तलाश में छापे मारे लेकिन वे अभी नहीं मिले। वैसे अफसरों को एडवाइजरी फर्जीवाड़े में पुलिस के कुछ कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका की जानकारी मिली है। पुलिस को कुछ एजेंटों के नाम मिले हैं जो लाखों का लेन-देन कर मामला दबाने में लगे हैं। एएसपी के मुताबिक, सेबी से भी इन कंपनियों के संबंध में जानकारी मांगी है, सेबी की शिकायत पर भी जल्द कुछ केस दर्ज हो सकते हैं।
पहले क्राइम ब्रांच, विजयनगर पुलिस ने कई कंपनियों पर केस दर्ज किए थे लेकिन महीनों बाद भी इनके आरोपी नहीं पकड़े जा सके हैं। एक महिला संचालक ने दो कंपनियों के माध्यम से ठगी की थी लेकिन वह भी हाथ नहीं आई।