8 साल की बेटी का रेप करने वाले दरिंदे बाप को मरते दम तक जेल | Neemuch mp news

Bhopal Samachar
नीमच। श्री विवेक कुमार, विशेष सत्र न्यायाधीश (पाॅक्सों एक्ट), नीमच द्वारा 8 वर्षीय बच्ची से उसके सगे पिता द्वारा बलात्कार करने के आरोप का दोषी पाकर आरोपी पिता को विभिन्न धाराओ में आजीवन कारावास एवं 30,000रू. जुर्माने से दण्डित किया।

दरिंदे बाप से बचने के लिए ठंड के दिनों में रात भर घर से बाहर रहती थी

विशेष लोक अभियोजक श्री जगदीश चौहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 3 माह पुरानी होकर दिनांक 12.12.2019 नीमच की हैं। फरियादी विकास अहीर जिला समन्वयक अधिकरी चाईल्ड हेल्पलाईन स्कीम नं. 36 नीमच नें उपस्थित होकर आरोपी रमेश देवडा उसी की बालिका के साथ यौन शोषण एवं उत्पीडन के संबंध में लिखित आवेदन पत्र पेश किया, जिसके आधार पर थाना नीमच केंट द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया। फरियादी के अनुसार बालिका/पीडिता आयु लगभग 8 वर्ष के कथनानुसार पिता द्वारा शराब के नशे में रात को मारपीट कर निजी अंगो से छेडछाड की जाती है तथा 2-3 वर्षो से पीडिता के साथ शारीरिक व यौन शोषण किया जा रहा हैं। पीडिता की माता 2-3 वर्षो पूर्व पीडिता व दो छोटे भाई को छोडकर चली गई हैं। बालिका डर व शारीरिक मानसिक प्रताडना के कारण वापस अपने पिता के पास घर पर नहीं रहना चाहती। आरोपी के भय के कारण ठंड के दिनों में पीडिता अपने घर के अंदर नहीं सोती थी और बाहर इधर-उधर रात्री व्यतित करती थी। आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना नीमच केंट में रिपोर्ट लिखाई, जिस पर से आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 646/19, धारा 354, 376(एबी), 376(2)(एन) भादवि एवं धारा 4, 6, 10 पाॅक्सों एक्ट, 2012 में अपराध पंजीबद्ध किया गया।

प्रकरण सनसनीखेज चिन्हित किया गया - 

8 वर्षीय बालिका के साथ स्वयं के पिता द्वारा किये गये ऐसे कृत्य को देखते हुए समाज पर पड़ने वाले इसके गंभीर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा इस प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया तथा घटना दिनांक से 11 दिवस के भीतर विवेचना पूर्ण कर चालान विशेष न्यायालय नीमच में प्रस्तुत कर दिया गया।

मात्र 2 माह 12 दिन में फैसला
घटना की गंभीरता को देखते हुए विशेष न्यायालय द्वारा प्रकरण का शीघ्र विचारण करते हुए मात्र 2 माह 12 दिन के भीतर फैसला सुनाकर आरोपी को दण्डित कर पीडिता को न्याय प्रदान तो किया ही हैं, साथ ही समाज के लोग इस प्रकार के अपराधो से दूर रहे ऐसा संदेश भी दिया हैं। 

डीएनए रिपोर्ट- 
प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट भी महत्वपूर्ण साक्ष्य रहा, जिससे यह पुष्टी हुई थी कि आरोपी पिता द्वारा उसकी पुत्री के साथ बलात्कार किया गया था।

ऐसे घृणित अपराध पर विशेष न्यायाधीश की सख्त टिप्पणी 
श्री जगदीश चैहान, विशेष लोक अभियोजक द्वारा पिता द्वारा 8 वर्षीय पीडिता के साथ ऐसा घृणित अपराध करने वाले आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया, ताकि ऐसे अपराधो के लिए समाज में भय का वतावरण निर्मित हो सके।

 इससे सहमत होते हुए विशेष न्यायाधीश श्री विवेक कुमार द्वारा पारित निर्णय में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि - आरोपी पिता द्वारा घर की सुरक्षित चारदीवारी में अपनी अपरिपक्व बेटी को निरीह शिकार समझकर अपनी हवस का ग्रास बनाया गया है और संरक्षक होने के बावजूद भी वह उस मासूम पर लगातार जुर्म ढाता रहा। यह प्रकरण एक डरावने स्वप्न की कल्पना से ही व्यक्ति सिहर जाये। फूल जैसी मासूम पीडिता के लिए यह भयावह स्वप्न न्हीं, बल्कि उसकी वासतविक जिंदगी का घिनौना सच है। जहां उसके कलयुगी पिता द्वारा उसकी रक्षा के स्थान पर उसको नोंचा गया है और उसके  कलयुगी पिता द्वारा उसकी रक्षा के स्थान पर उसको नोंचा गया है और उसके बचपन की स्मृतियों में जीवन की कडवाहट व यातनापूर्ण यादें प्रतिस्थापित कर दी हैं। हमारे समाज में पिता पुत्री का कन्यादान करता है व उसका रक्षक कहलाता है। उस पिता ने फूल जैसी बच्ची को कुचलकर इस धारणा को ही तोड दिया है कि पिता रक्षक है, अपितु वह तो घर की चारदीवारी के अंदर उसका भक्षक बन गया है। यह निकृष्टतम नैतिक अपराध ही नहीं, बल्कि मानवता क प्रति क्रूरतम अपराधों का सरताज है, जिसमें विश्वास, रक्षा, सम्मान इत्यादि मूल्य वेदी पर चढ़ गये है। समाज के लिए यह चैंकानें वाला क्रूर सत्य है कि बिना मां की मासूम बच्ची अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं। यह हमारी सुस्थापित मूल्य कि ’नारी तुम केवल श्रृद्धा हो’ के घोर विरोधाभास में एक क्रूरतम सत्य है।

आरोपी को दण्ड व पीडिता को प्रतिकर 
आरोपी रमेश देवड़ा पिता राम देवड़ा, उम्र-40 वर्ष, निवासी- झोपड पटटी, स्कीम नं. 34, जिला नीमच को धारा 354 भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 5,000रू. जुर्माना, धारा 376(एबी) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 5,000रू. जुर्माना, धारा 376(2)(एन) भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 5,000रू. जुर्माना, धारा 4 पाॅक्सों एक्ट, 2012 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 5,000रू. जुर्माना, धारा 6 पाॅक्सों एक्ट, 2012 में आजीवन कारावास व 5,000रू. जुर्माना व धारा 10 पाॅक्सों एक्ट, 2012 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 5,000रू. जुर्माना, आजीवन कारावास और कुल 30,000रू. जुर्माने से दण्डित किया। 

पीडिता को प्रतिकर- 
न्यायालय द्वारा आरोपी पर आरोपित की गई जुर्माने की कुल राशि 30,000रू पीडिता को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश दिया एवं पीडिता एक 08 वर्षीय बच्ची है ओर उसको शिक्षित किया जाकर सशक्त करना वांछित मानते हुए एवं उसके शैक्षणिक पहलू पर गौर कर सम्यक् प्रतिकर प्रदान किये जाने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीडिता को म.प्र. पीडित प्रतिकर योजना, 2015 के अंतर्गत उसके पुनर्वास के लिए अतिरिक्त प्रतिकर प्रदान करने को कहा गया। 

विशेष योगदान - प्रकरण जघन्य एवं सनसनीखेज चिन्हित होने से श्री पुरूषोत्तम शर्मा, पुलिस महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन (म.प्र.) भोपाल द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही थी व मार्गदर्शन दिया जा रहा था। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजन श्री जगदीश चैहान द्वारा की गई तथा श्री मनोज कुमार राय, पुलिस अधीक्षक, नीमच के मार्गदर्शन में विवेचना नगर पुलिस अधीक्षक राकेश मोहन शुक्ल द्वारा की गई थी।

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