भोपाल। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) मनोज निगम ने कुछ महिला शिक्षकों को रात 8:00 बजे अपने ऑफिस में बुलवा लिया। इसके लिए कोई ऑफिशियल आर्डर जारी नहीं हुआ बल्कि BRCC अंगद सिंह तोमर से SMS करवाए गए। अब शिक्षा अधिकारी की हरकत पर सवाल और बवाल शुरू हो गया है।
घटनाक्रम क्या हुआ
रेखा रघुवंशी, रंजना यादव, अलग शर्मा, हरदीपा चौधरी, उर्मिला रघुवंशी, अर्चना भार्गव, रचना भार्गव,दुर्गा वर्मा, गीता पवार, सीमा गुप्ता, इंदिरा जैन, अर्चना राठौर, अंजलि भार्गव, रजनी भार्गव, सोमप्रभा तोमर, सुनीता, राजकुमारी दुबे, रंजना यादव, पदमा स्वामी, उर्मिला रघुवंशी सहित अन्य महिला शिक्षकों के पास रात करीब 7:30 बजे BRCC अंगद सिंह तोमर का एक मैसेज आया। मैसेज में बताया गया कि रात 8:00 बजे उन्हें BEO ऑफिस पहुंचना है। यह मैसेज BEO मनोज निगम कि आदेशानुसार था।
BEO मनोज निगम की दलील
ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर मनोज निगम का बयान सामने आया है। मनोज निगम का कहना है कि दो-तीन दिन बाद परीक्षाएं हैं। इसलिए उन्हें परीक्षा सामग्री के अलावा रात में लेटर वितरित करने हैं। इसके लिए जरूरी नहीं है कि महिलाएं आएं वे किसी परिजन को भी भेज सकती हैं।
क्या इस तरह महिला कर्मचारियों को रात में बुलाना अपराध नहीं है
बड़ा सवाल यह है कि क्या इस तरह महिला कर्मचारियों को रात के समय बुलाना अपराध नहीं है।
परीक्षाएं तीन-चार दिन बाद है। सामग्री और प्रपत्र का वितरण सुबह भी किया जा सकता था। ऐसी क्या इमरजेंसी थी कि शिक्षा अधिकारी को रात गुजारना मुश्किल हो गया था।
नियम अनुसार महिला कर्मचारी इस तरह के आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं है।
BEO का कहना है कि महिला कर्मचारी नहीं आ सकती तो उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति आ जाए। सवाल यह है कि परीक्षा सामग्री जैसी महत्वपूर्ण चीज किसी भी व्यक्ति को दी जा सकती है क्या। फिर चाहे वह किसी कर्मचारी के परिवार का सदस्य क्यों ना हो।
क्या शिवपुरी में कर्मचारियों के परिवार के सदस्य भी ड्यूटी करते हैं।