सीएम शिवराज सिंह ने कोरोनावायरस के नाम पर 8000 कैदियों को मुक्त किया | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। कोरोना वायरस के नाम पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने जेलों में बंद 8000 अपराधियों को मुक्त करने का फैसला किया है। इनमें से 5000 अपराधियों को 2 महीने के लिए और 3000 अपराधियों को 45 दिन के लिए मुक्त किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैदियों को मुक्त करने का फैसला लिया

मध्यप्रदेश शासन की ओर से जारी ऑफिशल प्रेस रिलीज के अनुसार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए मानवीय आधार पर जेलों में बंद 8 हजार कैदियों को राहत देने का निर्णय लिया है। जेल विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पाँच हजार बंदियों को 60 दिन के इमरजेंसी पैरोल पर रिहा किया जायेगा। इसके अतिरिक्त, अगले दो दिनों में अन्य तीन हजार बंदियों को 45 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा किया जायेगा। 

अपराधियों को रिहा करने से कोरोनावायरस का संक्रमण कैसे रुकेगा 

लोक समझ नहीं पा रहे हैं कि टोटल लॉक डाउन के दौरान 8000 अपराधियों को रिहा कर देने से कोरोनावायरस का संक्रमण कैसे रुकेगा। क्या समाज में नए अपराधों का खतरा नहीं बढ़ जाएगा। क्या शिवराज सरकार विश्वास पूर्वक कह सकती है कि रिहा होने वाले 8000 कैदी अपने रिश्तेदारों या पड़ोसियों से बदला नहीं लेंगे। चोरी नहीं करेंगे। किसी के साथ लूटपाट नहीं करेंगे। एक बार फिर छत के रास्ते किसी के घर में नहीं घुस जाएंगे। सुनसान सड़क पर दूध या सब्जी खरीदने जा रही है मासूम लड़की पर हैवान की तरह झपट नहीं पड़ेंगे। 

कोरोनावायरस से बचने के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है जेल 

सोशल मीडिया पर एक तर्क यह भी है कि केवल जेल है जो कोरोनावायरस से बचने के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है क्योंकि यहां कोई विदेशी यात्री नहीं आता। जेल के ज्यादातर कर्मचारी किसी विदेश यात्री के संपर्क में नहीं होते। जेल में पर्यटकों का आना जाना मना है। कुछ परिवार के लोग मिलने आते थे, लॉकडाउन के कारण वह भी बंद हो गए। जेल परिसर का सैनिटाइजेशन करना सबसे आसान है। सवाल यह है कि सरकार ने कैदियों को क्यों मुक्त किया। जबकि उनकी जिंदगी सबसे सुरक्षित थी।

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