भोपाल। सत्याग्रही अतिथि शिक्षकों ने डोर टू डोर सत्याग्रह के चलते बुधवार 4 मार्च को प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया से उनके कार्यालय पहुंचकर भेंट की। उन्होंने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग के निराकरण के लिए अतिथि शिक्षकों के पक्ष में वकालत करने का आश्वासन दिया है।
बुधवार को मुस्लिम समुदाय के सत्याग्रही अतिथि शिक्षकों ने अपनी स्वेच्छा से केश मुंडन करा सरकार से नियमितीकरण की लंबित मांग का तत्काल निराकरण की मांग की। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी रविकांत गुप्ता ने इस आशय की जानकारी दी है, कि अतिथि शिक्षकों के प्रांतव्यापी जन सत्याग्रह का तिहत्तरवां दिन भी जन सत्याग्रह जारी रहा।जिस दौरान सत्याग्रही मुस्लिम सत्याग्रही अतिथि शिक्षकों ने अपने केश मुंडन करा समाज के माध्यम से सरकार को यह संदेश दिए हैं कि जिस परंपरा या रिवाज को समाज मान्यता न दे,उस परंपरा या रिवाज को सरकार के विरोध में स्वीकार करना पड़े।फिर उस समाज की परंपरा या रिवाज की मर्यादा सरकार के सामने कहां?जो सरकार गला फाड़ फाड़कर हर धर्म,हर समाज और सभी मान्यताओं का सम्मान करने का ढोंगी ढिंढोरा पीटते थकती नहीं है।आज वही सरकार के सामने समाज की मर्यादित मान्यताओं के विपरीत प्रदर्शन कर रोजी-रोटी की मांग का निराकरण करने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
अपने केश मुंडन कराकर सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते हुए शहडोल से शाहजहांनी पार्क पहुंचकर सत्याग्रह पर बैठे अतिथि शिक्षक आरिफ मंसूरी और सीहोर से फहीम सरफरोश ने बड़े ही दुख व्यक्त करते हुए बताया है,कि सनातन से ही मुस्लिम धर्म केश मुंडन कराने की इजाजत नहीं देता है,पर हमें तो रोजी-रोटी चाहिए।हमने अपनी धार्मिक मान्यताओं का परवाह नहीं करते हुए मुंडन करवाया है,और अब तो हमें अपना हक अधिकार के साथ भीख की तरह नहीं चाहिए।जिस काम पर लगे रहकर हमने अपने जीवन के कई वर्ष गंवा दिए हैं,और उसी काम को सरकार छीनने का काम करते बेरोजगार पर बेरोजगार करते जा रही है। जिसका अब खुला विरोध किया जाना शेष है।
आज भी दीपक बावरिया प्रदेश प्रभारी के कार्यालय पहुंचकर बैठक कर चर्चा आगे बढ़ाने की कोशिश की गई परंतु कोई ठोस निर्णय निकलते नहीं देख सत्याग्रह स्थल पर एक आवश्यक बैठक सत्याग्रहियों ने रखी। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लेकर रूपरेखा तैयार की गई है, कि आठ मार्च महिला दिवस के दिन महिलाओं के द्वारा सरकार की नीयत की अर्थी जलाई जायेगी। जिसमें महिलाओं को जलते हुए प्रदर्शित कर सरकार की नीयत को समाज के सामने पेश किया जायेगा।वह होलिकोत्सव में ढोल मंजीरे के साथ होली गीतों से संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के बंगलों के सामने सूखा फाग महोत्सव मनाया जायेगा।
समन्वय समिति प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार ने जानकारी दी है,कि बुधवार चार मार्च को अतिथि शिक्षकों ने सज्जन सिंह वर्मा लोक निर्माण विभाग मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारी तंत्र पर सख्त नाराजगी जताते उन पर तंज कहते हुए कहा कि हे शिक्षा विभाग की तीनों देवियां अतिथि शिक्षकों का कल्याण कर दो क्यों सरकार को श्राप दिलवा रही हो। आप इनकी मांगों का निराकरण इसी सप्ताह में कर दो। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा विभाग को जय श्री कियावत, अरुण रश्मि शमी और आर्यन सिंथिया ये तीनों देवियां बर्बाद कर रही हैं। इन देवियों से मेरा आग्रह है, कि वह जल्द से जल्द इनका नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी करवाएं,ताकि लाखों परिवार सरकार के साथ बने रहें।
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के संस्थापक पी.डी.खैरवार ने अपील की है,कि सभी जिलों के अतिथि शिक्षक सत्याग्रह को रफ्तार और निर्णायक मोड़ पर लाने शाहजहांनी पार्क पहुंचकर डट जायें। तिहत्तरवां दिन नेतृत्वकर्ता के रूप में नवीन शर्मा,अनिता हरचंदानी,प्रीती चौबे,चंदा बी,अनवार अहमद कुरैशी, देवेंद्र शाक्य, रामस्वरूप गुर्जर सामिल रहे।