भोपाल। राजधानी भोपाल का शाहजहांनी पार्क अतिथिविद्वानों के संघर्ष का नया तीर्थ बनकर उभरा है, जहां पर सूबे के सरकारी कॉलेजों में अध्यापन कार्य करने वाले अतिथिविद्वान संघर्ष की नई इबारत लिखने तैयार है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार चूंकि हमारा आंदोलन पिछले 104 दिनों से लगातार जारी है। कांग्रेस सरकार के शासन तले लगभग 2700 अतिथिविद्वानों को नौकरी से फालेन आउट करके बेरोजगार कर दिया गया था। अतः अपने अस्तित्व को बचाने हमें अपना नियमितीकरण का संघर्ष जारी रखना होगा।
पूरे पंडाल को किया गया सैनीटाइज
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह के अनुसार कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर पूरे पंडाल में साफ सफाई की व्यवस्था की गई। यहां तक कि सभी प्रमुख स्थानों को सैनीटाइज किया गया है। जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
जनता कर्फ़्यू पर पंडाल में ही रहेंगे अतिथिविद्वान
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर आज पूरे देश मे जनता कर्फ़्यू की स्थिति है। इस विकट स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अतिथिविद्वान संघर्ष मोर्चा ने निर्णय लिया है कि सभी आंदोलनरत अतिथिविद्वान 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक शाहजहांनी पार्क भोपाल के पंडाल के अंदर उपस्थित रहेंगे। कोई भी साथी इस अवधि में बाहर नही जाकर समस्त आवश्यक शासकीय आदेश एवं व्यवस्थाओं में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा। जिससे किसी भी प्रकर के संक्रमण की स्थिति से बचा जा सके।
104 दिनों से जारी आंदोलन में अतिथिविद्वानों ने पेश की अनुशासन की मिसाल
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार कमलनाथ सरकार की प्रदेश से विदाई के एक प्रमुख कारण के रूप में चर्चित हुए राजधानी भोपाल के शाहजहानी पार्क के अतिथिविद्वानों का आंदोलन लगातार 104 दिनों से जारी है। इस बीच अतिथिविद्वानों ने पूरे आंदोलन के दौरान अनुशासन की एक नई मिसाल पेश की है। अब जबकि कोरोना संक्रमण जैसा नया खतरा सामने है। इस विकट स्जिति में भी अतिथिविद्वान पूरी गंभीरता एवं ज़िम्मेदारी के साथ सरकारी आदेशों का पालन करते हुए आंदोलन जारी रखेंगे। पंडाल में साफ सफाई, सैनीटाइजेशन का पूरा इंतज़ाम किया गए है। अपने अनुशासन से अतिथिविद्वान पूरे प्रदेश को समर्पण एवं सामाजिक जिम्मेदारी का एक नया संदेश दे रहे हैं।