भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जनता कर्फ़्यू के आह्वान एवं राज्य तथा केंद्र शासन के समस्त दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अतिथि विद्वान अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं। विदित हो कि अतिथिविद्वान विगत 105 दिनों से राजधानी भोपाल के शाहजहांनी पार्क में नियमितीकरण की मंग कक लेकर धरना एवं आंदोलन कर रहे हैं।
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ सुरजीत भदौरिया एवं डॉ देवराज सिंह के अनुसार हमने राज्यशासन के सभी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया है। सोशल डिस्टेनसिंग की जा रही है। पूरे पंडाल की साफ सफाई की गई है। कीटनाशकों का भी प्रयोग किया गया है। इसमे साथ ही आंदोलन में शामिल सभी साथी, संक्रमण न फैले, इस उद्देश्य से कम से कम एक मीटर की दूरी भी बनाये रखे हुए हैं। जिससे किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सके। जनता कर्फ़्यू का ध्यान रखते हुए सभी आंदोलन अतिथिविद्वानों ने शाहजहांनी पार्क में ही रहने का निर्णय लिया था तथा रात्रि 9 बजे तक कोई भी साथी पार्क की सीमा से बाहर नही गया है।
कोरोना संक्रमण के चलते आंदोलनकारियों की संख्या कम की गई
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार कोरोना संक्रमण के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए हमने निर्णय लिया है कि जब तक यह सांकेटी टल नही जाता है, आंदोलनकारियों की संख्या में कटौती की गई है। जिससे सभी सुरक्षित रहे एवं समस्त सरकारी एवं प्रशासनिक निर्देशों का समुचित पालन किया जा सके। किन्तु लगभग 105 दिन पुराने हो चुके आंदोलन एवं अतिथिविद्वानों की नियमितीकरण की अपूर्ण मांग को देखते हुए हम आंदोलन को समाप्त नही कर सकते। इसमे स्थान पर कम संख्या के साथ, खतरा टलने तक, सांकेतिक रूप से हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
नियमितीकरण तक जारी रहेगा आंदोलन
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार लगभग 105 दिनों से चल रहे इस आंदोलन का लक्ष्य अभी भी हमसे दूर है। हमने कांग्रेस सरकार के समक्ष एक सूत्रीय मांग नियमितीकरण की रखी थी। वही हम मांग हमारी नई सरकार से होगी। भाजपा की अग्रिम पंक्ति के सभी नेतागण हमारी पीड़ा से भली प्रकार परिचित है। कांग्रेस सरकार के आधीन वे हमारे संघर्षों के साक्षी रहे हैं। हमें पूर्ण आशा है कि नई सरकार के गठन के बाद हमारी मांगों पर मानवीय दृटिकोण से कार्यवाही कर जल्द नियमितीकरण की मांग पूरी की जाएगी।
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