भोपाल। पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याता संघ के अध्यक्ष अखलेश सेन ने बताया कि नियमितीकरण एवं स्थायित्व की मांग को लेकर पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं (विद्वानो) की ओर से सचिव दिनेश कुमार द्वारा एक प्रस्ताव भेजा गया है और समस्त पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के लिए नियमितीकरण एवं फिक्स वेतनमान को लेकर एक प्रस्ताव प्रदेश सरकार के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को भेज दिया गया है।
पूर्व में भी संघ के उपाध्यक्ष रवि खटीक, निशान्त चौरसिया एवं सहसचिव प्रकाशचंद्र दुबे अन्य अतिथि विद्वानो (व्याख्याताओं) के प्रतिनिधि मंडल द्वारा पूर्व में भी एक प्रस्ताव माननीय मुख्यमंत्री जी को दिया जा चुका है। कार्यवाही होने के न चलते अब पुनः प्रस्ताव राज्यकर्मचारी आयोग के साथ तकनीकी शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्ताव भेजकर प्रदेश के 67 शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण एवं स्थायित्व की मांग की गई।
पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वानों (व्याख्याताओं) द्वारा दिया गया प्रस्ताव:-
1. म.प्र. शासन के शास/स्वशासी/अनुदान प्राप्त/महिला पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में एक अलग कैडर अथवा एक ऐसी नीति बनाई जावे एवं जिन महाविद्यालय में पद स्वीकृत नही है सीघ्र ही स्वीकृत कर, सुपरनुमेररी पदत्ति से नियमितीकरण एवं जो अतिथि व्याख्याता नियमितीकरण हेतु न्यूनतम अहर्ता पूर्ण नही कर पाए है, उन्हें 5 वर्ष का समय देकर का जल्द ही नियमितीकरण किया जावे।
2. वर्तमान में कार्यरत अधिकतम तकनीकी अतिथि विद्वान शासकीय सेवा की अधिकतम उम्र सीमा को पार कर चुके है। जिसमे से अधिकांश न्यूनतम योग्यता से भी ज्यादा एम.टेक, पीएच.डी के साथ अंर्राष्ट्रीय शोध पत्र इत्यादि योग्यताधारी है, अतः वर्तमान में कार्यरत सभी अतिथि विद्वानो का नियमितीकरण किया जावे।
3. वर्तमान कांग्रेस सरकार ने चुनाव पूर्व वचन पत्र मे अतिथिविद्वानो(व्याख्याताओं) को नियमति करने का कहा है अतः पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं की नियमितीकरण की प्रक्रिया एक मुश्त फिक्स वेतनमान के साथ जल्द शुरू की जावे।
4. पूर्व में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 1986-87 में राज्य शासन के निर्णय सेअंशकालीन (तदर्थं) अतिथियों को विधानसभा मे विशेष अधिनियम पास कर नियमित एवं 1994, 2003, 05, 07 में मानवीय आधार पर नियमित किया गया है।
5. उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों के लिए बनाई जाने वाले नियमितीकरण/ स्थायित्व नीति अथवा जारी आदेश को तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के लिए लागू किया जावे।
6. वर्तमान में तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के लिये (रु 400 प्रति अधिकतम 3 कालखंड) व्यवस्था को समाप्त कर, उच्च शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के समान एकमुश्त न्यूनतम वेतनमान रुपये 30000 प्रतिमाह दिया जावे।