इंदौर। ड्राइवर की हत्या कर उसकी लाश सिमरोल के जंगल में फेंकने के मामले में पुलिस ने उद्योगपति हेमंत नीमा और उसके बेटे पीयूष पर हत्या का केस दर्ज किया है। दूसरे ड्राइवर जगदीश उर्फ जग्गू और तीन अन्य को भी हत्या व साक्ष्य छुपाने के मामले में आरोपी बनाया है। घटना में नीमा की भूमिका का खुलासा उसके घर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से ही हुआ।
एएसपी अमित तोलानी के मुताबिक, आरोपियों ने 10 मार्च को प्रमोद मतकर निवासी धारफुले महाराष्ट्र की हत्या कर उसकी लाश भेरूघाट में फेंक दी थी। शरीर पर क्रूरतापूर्वक पिटाई के निशान और पोस्टमॉर्टम में हत्या की पुष्टि हुई। जांच में पता चला कि वह नीमा के यहां लंबे समय तक ड्राइवरी रह चुका है। क्राइम ब्रांच ने नीमा और परिजनों से पूछताछ कर सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो उसमें प्रमोद को पकड़कर लाने और फिर अधमरी हालत में कहीं ले जाने के फुटेज मिले। इसके बाद हेमंत और पीयूष को हिरासत में लिया।
नीमा के बेटे के साथ प्रमोद गलत हरकत करता था। इसे लेकर परिवार में विवाद हुए तो हेमंत ने बाउंसरों की मदद से 8 मार्च को प्रमोद का अपहरण करवाया और उसे बंगले पर लाकर क्रिकेट के बैट से बुरी तरह पीटा। उसकी हालत बिगड़ी तो नीमा ही कर्मचारियों के साथ उसे रात दो बजे ऑफिस से अधमरी हालत में आदित्य नर्सिंग होम ले गया। यहां डॉक्टरों ने चेक किया तो प्रमोद के पेट से यूरीन पास नहीं हो रही थी। डॉक्टरों ने उसकी हालत क्रिटिकल बताकर एमवाय ले जाने को कहा। इसके बाद 9 मार्च को उसकी मौत हो गई। शव को नीमा के कहने पर बेटा पीयूष, ड्राइवर जगदीश और तीन अन्य भेरूघाट ले गए और फेंक दिया। अगले दिन लाश मिलने पर घटनाक्रम का खुलासा हुआ।
पुलिस ने हेमंत, पीयूष और जगदीश को मंगलवार को महू कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 6 दिन के रिमांड पर सिमरोल पुलिस को सौंपा है। बाकी तीन आरोपियों की पुलिस को जानकारी मिल गई है। पुलिस ने आदित्य नर्सिंग होम के सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर भी कब्जे में ले ली है। वहां भी प्रमोद को लाने के फुटेज मिले हैं। पुलिस ने प्रमोद का शव यवतमाल से आए परिजन को सौंप दिया। उन्होंने यहीं अंतिम संस्कार किया।