भोपाल। भोपाल में डीएनए जांच (DNA TEST) के लिए लैब खुल गया है। ये हाईटेक लैब है। इसमें एनजीएस उपकरण भी लगाया गया है, जो भारत की किसी लैब में पहली बार लगा है। भोपाल में आधुनिकतम उपकरणों के साथ शुरू हुई इस प्रयोगशाला में डीएनए जांच के साथ-साथ गाय एवं भैंस के मांस का परीक्षण भी होगा।
भोपाल में भदभदा रोड स्थित क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला परिसर में हाईटेक लेबोरेटरी कॉम्प्लेक्स बनाया गया है. इसमें बनाए गए डीएनए लैब का राजेन्द्र कुमार ने उद्घाटन किया था। इससे पहले लगभग छ: करोड़ रुपए की लागत से निर्मित हाईटेक लेबोरेटरी कॉम्प्लेक्स भवन का लोकार्पण गत 26 फरवरी को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया था। मध्यप्रदेश में सिर्फ सागर में ही डीएनए लैब है। यही कारण है कि पूरे प्रदेश के केस की जांच होने में वक्त लगता था और सारे सैंपल की जांच नहीं हो पाती थी। इसलिए दूसरे राज्यों में जांच के लिए सैंपल भेजना पड़ते थे। लेकिन अब भोपाल में डीएनए लैब खुलने से पेंडिंग पड़ी जांच 6 महीने में पूरी हो जाएंगी।
नया लैब खुलने से डीएनए जांच के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में नया अध्याय जुड़ा है। अब प्रदेश में डीएनए जांच के लिए अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित दो प्रयोगशालाएं हो गई हैं। अभी तक केवल सागर की एफएसएल में ही ये सुविधा उपलब्ध थी। लैब शुरू होने से पॉक्सो एक्ट एवं यौन अपराधों के निराकरण में तेजी आएगी। इस हाईटेक लैब में एनजीएस उपकरण भी लगाया गया है, जो भारत की किसी लैब में पहली बार लगा है। भोपाल में आधुनिकतम उपकरणों के साथ शुरू हुई इस प्रयोगशाला में डीएनए जांच के साथ गाय एवं भैंस के मांस का परीक्षण भी होगा।
पुलिस महानिदेशक राजेन्द्र कुमार ने मध्यप्रदेश एफएसएल के निदेशक से कहा कि प्रदेश में जब तक नये लैब शुरू नहीं होते तब तक सागर और भोपाल के लैब 24 घंटे चालू रखें, ताकि केस पेंडिग ना रहें। तकनीकी स्टाफ की कमी दूर की जाएगी।राजेन्द्र कुमार ने हिदायत दी कि डीएनए जांच करने में सक्षम स्टाफ को मैदानी स्तर से इन प्रयोगशाला में पदस्थ करें।
डीएनए लैब के प्रभारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश डीएनए जांच में देश भर में सबसे आगे है।डीएनए जांच रिपोर्ट के आधार पर पिछले लगभग तीन साल में मध्यप्रदेश में अदालत ने 34 दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई है, जो देश भर में सर्वाधिक है।