भोपाल। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि भारत में लॉकडाउन के दौरान किसी भी सरकारी एवं प्राइवेट संस्थान में किसी भी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी। बावजूद इसके मध्यप्रदेश में लोक शिक्षण संचालक कमिश्नर जयश्री कियावत ने व्यवसायिक प्रशिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी।
कमिश्नर ने एक हस्ताक्षर करकमे 2400 कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया
SKILL INDIA के तहत म.प्र. सरकार के अधीन वोकेशनल ट्रेनर पार्टनर (VTP) के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षक के पद पर कार्यरत् है। म.प्र. के लगभग 1200 विद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम के 09 ट्रेड संचालित है जिसमें लगभग 2400 कर्मचारी कार्यरत है। वैश्विक महामारी नोबेल कोरोना वाइरस (COVID-19) के वचाव हेतु सम्पूर्ण भारत में लॉकडाउन घोषित किया गया है। इसी परिस्थिति को देखते हुये लोक शिक्षण संचालनालय, म.प्र. भोपाल के पत्र क्र./VE/2019-20/1549 भोपाल, दिनांक 30.03.2020 के द्वारा म.प्र. के सभी व्यावसायिक प्रशिक्षको के सेवाये दिनांक 31.03.2020 को समाप्त कर दी है। भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के पत्र क्र./M-11011/08/2020-Media और उसके बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा देश की सभी सरकारी एवं प्राइवेट संस्थाओ को इस महामारी के कारण किसी कर्मचारी के वेतन में कटौती और उसकी सेवाये समाप्त न करने की घोषणा की गई थी। परन्तु म.प्र. सरकार के लोक शिक्षण संचालनालय विभाग द्वारा सभी व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सेवाये दिनांक 31.03.2020 को समाप्त कर दी गई है।कमिश्नर ने बैक डेट में सिग्नेचर की है, आदेश अमान्य
दिनांक 30 मार्च 2020 को लिखे गए पत्र क्रमांक 1549 पर लोक शिक्षण संचालनालय की कमिश्नर जयश्री कियावत ने बैक डेट में सिग्नेचर किए हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी ने अपने हस्ताक्षर के नीचे दिनांक 28 मार्च 2020 लिखा है। यानी पत्र लिखने के 2 दिन पहले कमिश्नर ने कोरे कागज पर हस्ताक्षर कर दिए थे। जयश्री कियावत कमिश्नर के पद पर हैं, क्लर्क नहीं है इसलिए इसे मानवीय त्रुटि नहीं माना जा सकता। निश्चित रूप से यह एक साजिश है और शासन को इस आदेश को तत्काल अमान्य कर देना चाहिए।
कमिश्नर ने लॉकडाउन गाइडलाइन का उल्लंघन किया, सेवा समाप्त नहीं कर सकते
भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने स्पष्ट नोटिफिकेशन जारी किया है कि भारत का कोई भी संस्थान चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट लॉकडाउन के दौरान किसी भी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त नहीं कर सकता। इस दौरान कर्मचारी को पूरा वेतन दिया जाएगा। फिर चाहे उसे वर्क एट होम दिया गया हो या नहीं। यदि कोई नियोक्ता अपने कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करता है तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।