ग्वालियर। ईकोग्रीन कंपनी के सफाई कर्मचारी फिर हड़ताल पर चले गए, इसके बाद आज सुबह से न तो शहर में सीटी बजी और न ही कचरा उठा, जिसके चलते शहर के गली-मोहल्ले ही नहीं, बल्कि पॉश कॉलोनियों व चौराहों और बाजार तक में गंदगी के ढेर लग गए हैं, कुछ जगह तो ऐसी हैं, जहां कचरा बीच रोड तक पसरा हुआ है और इसकी बदबू के कराण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि नगर निगम का इसे लेकर यह तर्क जरूर है कि वह शहर में गंदगी नहीं रहने देगा और अपने कर्मचारियों को तीन से चार चक्कर लगवाकर कचरा उठवाएगा। अब इससे हालात सुधरेंगे ऐसा नहीं लगता, क्योंकि निगम के कर्मचारी खुद ही बिना बताए काम से गायब हो जाते हैं।
शहर को साफ रखने का जिम्मा चार स्तर पर है और इसके लिए लगभग तीन हजार कर्मचारी वेतन पाते हैं। जिनमें निगम के नियमित, विनियमित, आउटसोर्स व ईकोग्रीन कंपनी के कर्मचारी हैं। इन पर हर माह करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है, लेकिन हर साल सभी कर्मचारी दो से तीन बार हड़ताल का रास्ता अपनाते हैं और इसका खामियाजा नागरिकों को उठाना पड़ता है। उस पर स्वच्छता कर और लोगों पर ठोक दिया गया है, जबकि सफाई व्यवस्था निम्न स्तर की हैं। अब हुआ यह है कि ईकोग्रीन के कर्मचारी पूरे वेतन की मांग को लेकर गाडिय़ां डिपो में खड़ी कर घर बैठ गए हैं इनका कहना है कि उनसे ओवर टाइम काम लिया गया, लेकिन जब पैसा देने की बारी आई तो फिर उन्हे पूरा वेतन नहीं दिया गया। इसके चलते अब वह तब तक काम नहीं करेंगे, तब तक उन्हें पूरा वेतन नहीं मिल जाता।
ईकोग्रीन कंपनी चीन से संचालित होती है और निगम की माने तो इसे हर माह दो करोड़ का भुगतान किया जाता है, इसके बावजूद कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं, लेकिन इसके खिलाफ कभी ठोस कार्रवाई निगम अधिकारी नहीं करते। सूत्रों का कहना है कि अफसरों के हित जुड़े होने के कारण ऐसा होता है।