नई दिल्ली। देश के लाखों कर्मचारियों के लिए बहुत राहत भरी खबर है। कोरोना के कहर के बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को क्वारंटाइन में जाने के लिए अनुमति दे दी है। इसके लिए बकायदा 15 दिनों की छुट्टी स्वीकृत की गई है।
यानी यह व्यवस्था 4 अप्रैल, 2020 तक के लिए लागू रहेगी। खास बात यह है कि इस अवकाश के लिए उन्हें किसी भी प्रकार का मेडिकल सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत नहीं करना होगा। यह आदेश समस्त केंद्रीय कार्यालयों, मंत्रालयों, विभागों के लिए लागू होगा। यहां जानिये आदेश की विस्तृत जानकारी।
कोरोना वायरस का देश में खतरा बढ़ चुका है। इसके चलते केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के हित में अहम निर्णय लिया है। उनके लिए 15 दिनों का अवकाश स्वीकृत किया गया है। इस अवकाश की पात्रता 50 साल से अधिक आयु के उन सभी कर्मचारियों को मिलेगी, जो कि पहले से ही शुगर, सांस की किसी बीमारी या अन्य गंभीर बीमारियों से पीडि़त रहे हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से यह आदेश कर्मचारियों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए जारी किया गया है।
अपने कर्मचारियों को बड़ी राहत देने के लिए सरकार ने केंद्रीय नागरिक सेवाएं (छुट्टी) नियम, 1972 में आखिर ढील दे दी है। इसके साथ ही सरकार ने इस दायरे में आने वाले कर्मचारियेां को अवकाश पर जाने की सलाह भी दी है। यह भी कहा है कि इस प्रकार के अवकाश पर जाने से आपकी सेहत तो सुरक्षित तो रहेगी ही, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं पर भी किसी प्रकार का अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा।
रोस्टर से मुक्त रहेंगे ये कर्मचारी
सरकार का यह आदेश आगामी 4 अप्रैल, 2020 तक के लिए लागू रहेगा। वे तमाम कर्मचारी जो कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी रेस्क्यू या सेवा कार्य में रत हैं, वे इस रोस्टर प्रणाली से मुक्त रहेंगे। वे अपना कार्य पहले की तरह जारी रख सकते हैं।
4 अप्रैल के बाद हो सकता है ये बदलाव
4 अप्रैल तक की नियत अवधि निकल जाने के बाद केंद्रीय कर्मचारियेां के वर्क फ्रॉम होम एवं वर्किंग ऑवर्स को लेकर नया निर्णय लिया जा सकता है। मालूम हो कि कोरोना वायरस के चलते एम्स ने भी ओपीडी को बंद कर दिया है। यहां पहले से निर्धारित सर्जरी आदि के कार्य रोक दिए गए हैं। एम्स एवं सफदरगंज सहित अन्य सारे बड़े अस्पतालों को केवल कोरोना वायरस के मरीजों व संक्रमितों के इलाज के लिए ही तैयार किया जा रहा है।
सरकार ने कर्मचारियों को किया है यह विभाजन
कोरेाना वायरस के खतरे के चलते सरकार ने कर्मचारियों का श्रेणीकरण किया है। इसके तहत "ख" और "ग" श्रेणी के करीब 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम WFH यानी घर से काम करने को कहा है। इनके अलावा शेष अन्य कर्मचारियों को नियमित रूप से कार्यालय आना होगा। घर से काम करने की व्यवस्था बनाने के साथ ही सरकार ने काम के घंटों यानी वर्किंग ऑवर्स में भी परिवर्तन किए जाने के संकेत दिए थे। जो कर्मचारी बतौर कंसलटेंट काम करते हैं, उन्हें भी केंद्र सरकार ने वर्क फ्रॉम का आदेश दिया है।
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