जिन शिक्षक को राष्ट्रपति ने पुरुस्कृत किया था, उन्हे बेवजह सस्पेंड क्यों किया: शिक्षक संघ | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा में विगत दिनों संपन्न सामाजिक विज्ञान के पेपर में आजाद कश्मीर संबंधी प्रश्नों को लेकर 2 शिक्षकों पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई निलंबन की कार्रवाई अनुचित एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के प्रांतीय कोषाध्यक्ष गौतम मणि अग्निहोत्री सीधी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार विभाग द्वारा यह निर्णय आनन-फानन में बिना सोचे समझे बगैर पूरी जांच-पड़ताल किए किया गया है। 

इसमें शिक्षकों की कोई गलती समझ में नहीं आती है क्योंकि उन्होंने पाठ्य पुस्तक से ही प्रश्न पत्र तैयार किया है। इसमें यदि कोई गलती है तो पाठ्य पुस्तक निगम और राज्य शिक्षा केंद्र की पाठ्यक्रम निर्माण संबंधी समिति की है ।जिन्होंने ऐसे विवादित विषय को इस स्वरूप में पाठ्यपुस्तक में शामिल कर रखा है शिक्षक तो शासन द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम व पाठ्यपुस्तक को पढ़ाने के लिए मजबूर है। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ नरसिंहपुर की जिला सचिव सत्यप्रकाश त्यागी ने बताया कि कक्षा दसवीं की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के प्रश्न क्रमांक 181 पर अभ्यास प्रश्न में 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के संदर्भ में आजाद कश्मीर प्रश्न शामिल है जब यह आपत्तिजनक है तो एक दशक से पाठ्यपुस्तक में ऐसी विषय वस्तु क्यों शामिल की गई। बच्चों ने जब साल भर यही पड़ा है तो इस प्रश्न का मूल्यांकन भी होना चाहिए जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम संबंधी कोई नुक्सान ना हो। 

ऐसी स्थिति में यदि कोई दोषी है तो पाठ्य पुस्तक निगम और राज्य शिक्षा केंद्र की पाठ्यक्रम निर्माण समिति जिस पर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए तथा माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा शिक्षकों के नाम भी गोपनीय होनी चाहिए जो सार्वजनिक मंडल की गोपनीयता का भी ध्यान नहीं रखा गया है। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ तत्काल निलंबित शिक्षकों पेपर सेटर नितिन सिंह जाट रायसेन और पेपर के मॉडरेटर रजनीश जैन व्याख्याता राष्ट्रपति एवं राज्यपाल से पुरस्कृत शिक्षक का निलंबन तत्काल वापस लेने की मांग करता है अन्यथा शिक्षकों द्वारा मजबूरन बड़ा आंदोलन खड़ा किया जावेगा।

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