आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं इसका मतलब क्लियर है कि आपने अपनी लाइफ में मिट्टी के मटके का पानी जरूर पिया है और आप उसे मिस करते हैं। रेफ्रिजरेटर में काफी ठंडा पानी मिल जाता है। कई बार बर्फ जितना ठंडा लेकिन मिट्टी के मटके में मौजूद पानी की शीतलता कुछ और ही होती है। मिट्टी के मटके का पानी पीने के लंबे समय बाद तक शरीर को शीतलता प्रदान करता है। सवाल यह है कि मिट्टी के मटके में ऐसा कौन सा जादू होता है जो पानी को इतना अच्छा बना देता है। मिट्टी के मटके में पानी ठंडा क्यों हो जाता है, जबकि उसमें रेफ्रिजरेटर की तरह कोई कंप्रेसर नहीं रखा होता।
वनस्पति एवं प्राकृतिक संपदा के विषय में पीएचडी करने वाले डॉक्टर एनडी आचार्य का कहना है कि पृथ्वी पर जब भी किसी तरल पदार्थ का तापमान बढ़ता है तो भाप बनने लगती है। भाप के साथ तरल पदार्थ की ऊष्मा भी बाहर निकल जाती है। इससे तरल पदार्थ का तापमान कम रहता है। मिट्टी काकड़ा विशेष प्रकार से बनाया जाता है। इसका मुंह छोटा होता है जबकि पेट काफी बड़ा। यह एक वैज्ञानिक तकनीक है। कुम्हार को नहीं पता लेकिन फिर भी वह इसका पालन करता है। यदि मटके का मुंह बड़ा कर दिया जाए तो पानी की शीतलता कम हो जाएगी। मिट्टी के मटके में में बने असंख्य छिद्रों के सहारे बाहर निकल कर बाहरी गर्मी में भाप बनकर उड़ जाता है और अंदर के पानी को ठंडा रखता है। इसीलिए मिट्टी के मटके में ऊपर से कोई पेंट नहीं किया जाता।
मटके का पानी सेहत के लिए फायदेमंद क्यों होता है
मिट्टी के घड़े का पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो मनुष्य के शरीर को ठंडक तो देता ही है, चयापचय या पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे पीने से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर भी बढ़ता है। सरल शब्दों में। पेट खराब नहीं होता। एसिडिटी की प्रॉब्लम नहीं होती। जबकि रेफ्रिजरेटर का ठंडा पानी पीने से एसिडिटी की प्रॉब्लम होती है।
मिट्टी के मटके में मृदा के गुण भी होते हैं जो पानी की अशुद्धियों को दूर करते हैं और लाभकारी मिनरल्स प्रदान करते हैं। शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहती बनाने में यह पानी फायदेमंद होता है। मिट्टी के मटके का पानी आपकी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाता है।
फ्रिज के पानी की अपेक्षा मिट्टी के मटके का पानी अधिक फायदेमंद है क्योंकि इसे पीने से कब्ज और गला खराब होने जसी समस्याएं नहीं होती।
मिट्टी के घड़े के पानी का पीएच संतुलन सही होता है। मिट्टी के क्षारीय तत्व और पानी के तत्व मिलकर उचित पीएच बेलेंस बनाते हैं जो शरीर को किसी भी तरह की हानि से बचाते हैं और संतुलन बिगड़ने नहीं देते।
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