इलेक्ट्रिक ज्ञानी बिजली के तारों को तो आपने देखा ही होगा। जब ज्यादा मात्रा में करंट को ट्रांसपोर्ट करना होता है तो बिजली का मोटा तार लगाया जाता है लेकिन यह मोटा तार बहुत सारे पतले पतले तारों से मिलकर बनता है। प्रश्न यह है कि जिस तरह मोटे और पतले सरिया बनाए जाते हैं, उसी प्रकार एक मोटा तार उपयोग क्यों नहीं किया जाता। बहुत सारे तारों का समूह क्यों बनाया जाता है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से पास आउट मुनेंद्र सिंह बताते हैं कि हमारे घर में जो बिजली पहुंचती है वो एसी करेंट के रूप में होती है और इसमें स्किन इफेक्ट होता है। स्किन इफेक्ट मतलब एसी करंट किसी तार की स्किन या बहरी सतह में सबसे ज़्यादा प्रभावी होती है।
जैसे जैसे तार के अंदर की ओर या केंद्र की ओर बढ़ेंगे वैसे-वैसे इसका प्रभाव कम होता चला जाता है। ज़्यादा मोटा तार लगा भी दिया तो उसके भीतर कोई करंट तो बहेगा ही नहीं, केवल इसके बहरी सतह में करंट बहेगी। इसी कारण, स्किन इफ़ेक्ट को रोकने के लिए बिजली का तार एक मोटा तार न होकर पतले-पतले तारों का गुच्छा होता है।
इसमें जितने ज़्यादा तार होंगे, हर तार की बहरी सतह पर करंट फ्लो होगी, और हमने तो काफी सारे तार एक साथ जोड़े हुए हैं। चित्र के अनुसार आप समझ सकते हैं कि, अगर हर तार की केवल बहरी सतह पर भी करंट बहती है तो कुल-मिलाकर करंट एक सामान रूप से पूरे तार (सभी पतले तारों को मिलाकर बना) में फ्लो हो पायेगी।
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