Guidelines for funeral of coronavirus (COVID-19) patient
भारत में समाचार लिखे जाने तक कोरोनावायरस की 3 मरीजों की मौत हो चुकी है। 150 के लगभग मरीज अस्पतालों में भर्ती है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के मरीज की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए नियम एवं निर्देश जारी कर दिए हैं। इनका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
कोरोना वायरस मरीज के दाह संस्कार के लिए गाइडलाइंस
दिशा-निर्देश में इस बात पर बहुत ज़ोर दिया गया है कि COVID-19 हवा से नहीं फैलता बल्कि बारीक कणों के ज़रिए फैलता है। मेडिकल स्टाफ़ से कहा गया है कि वो COVID-19 के संक्रमण से मरे व्यक्ति के शव को वॉर्ड या आइसोलेशन रूम से नीचे लिखी गईं सावधानियों के साथ ही शिफ़्ट करें:
- शव को हटाते समय PPE का प्रयोग करें। PPE एक तरह का 'मेडिकल सूट' है जिसमें मेडिकल स्टाफ़ को बड़ा चश्मा, एन95 मास्क, दस्ताने और ऐसा एप्रन पहनने का परामर्श दिया जाता है जिसके भीतर पानी ना जा सके।
- मरीज़ के शरीर में लगीं सभी ट्यूब बड़ी सावधानी से हटाई जाएं। शव के किसी हिस्से में घाव हो या ख़ून के रिसाव की आशंका हो तो उसे ढका जाए।
- मेडिकल स्टाफ़ यह सुनिश्चित करे कि शव से किसी तरह का तरल पदार्थ ना रिसे।
- शव को प्लास्टिक के लीक-प्रूफ़ बैग में रखा जाए।
- उस बैग को एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट की मदद से कीटाणुरहित बनाया जाए।
- इसके बाद ही शव को परिवार द्वारा दी गई सफेद चादर में लपेटा जाए।
- केवल परिवार के लोगों को ही COVID-19 के संक्रमण से मरे व्यक्ति का शव दिया जाए।
- कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के इलाज में इस्तेमाल हुईं ट्यूब और अन्य मेडिकल उपकरण, शव को ले जाने में इस्तेमाल हुए बैग और चादरें, सभी को नष्ट करना ज़रूरी है।
- मृतक के परिवार को भी ज़रूरी जानकारियाँ दें और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए काम करें।
कोरोना वायरस मरीज शवगृह के लिए गाइडलाइंस
- भारत सरकार के अनुसार COVID-19 से संक्रमित शव को ऐसे चेंबर में रखा जाए जिसका तापमान क़रीब चार डिग्री सेल्सियस हो।
- शवगृह को साफ़ रखा जाए और फ़र्श पर तरल पदार्थ ना हो।
- COVID-19 से संक्रमित शव की एम्बामिंग पर रोक है। यानी मौत के बाद शव को सुरक्षित रखने के लिए उस पर कोई लेप नहीं लगाया जा सकता।
- कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति की ऑटोप्सी यानी शव-परीक्षा भी बहुत ज़रूरी होने पर ही की जाए।
- शवगृह से COVID-19 शव निकाले जाने के बाद सभी दरवाज़े, फ़र्श और ट्रॉली सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ़ किए जाएं।
कोरोना वायरस मरीज शव को ले जाने वालों के लिए गाइडलाइंस
सही तरीक़े से, यानी प्लास्टिक बैग और चादर में बंद किए गए शव से उसे ले जाने वालों को कोई ख़तरा नहीं है।
लेकिन जिस वाहन को ऐसा शव ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाए, उसे भी रोगाणुओं से मुक्त करने वाले द्रव्य से साफ़ करना ज़रूरी है।
कोरोना वायरस मरीज अंत्येष्टि या दफ़्न करने से संबंधित गाइडलाइंस
अंतिम संस्कार की जगह को और क़ब्रिस्तान को संवेदनशील जगह मानें।
भीड़ को जमा ना होने दें ताकि कोरोना वायरस के ख़तरे को कम रखा जा सके।
परिवार के अनुरोध पर मेडिकल स्टाफ़ के लोग अंतिम दर्शन के लिए मृतक का चेहरा प्लास्टिक बैग खोलकर दिखा सकते हैं, पर इसके लिए भी सारी सावधानियाँ बरती जाएं।
अंतिम संस्कार से जुड़ीं सिर्फ़ उन्हीं धार्मिक क्रियाओं की अनुमति होगी जिनमें शव को छुआ ना जाता हो।
शव को नहलाने, चूमने, गले लगाने या उसके क़रीब जाने की अनुमति नहीं होगी।
शव दहन से उठने वाली राख से कोई ख़तरा नहीं है।
अंतिम क्रियाओं के लिए मानव-भस्म को एकत्र करने में कोई ख़तरा नहीं है।