ग्वालियर। ग्वालियर में बुधवार सुबह शहर में कुछ दुकानें खुली, जिन्हें प्रशासन ने बंद करा दिया। ग्रामीण क्षेत्रों से सब्जी लेकर आ रहे किसानों को भी पुलिस ने शहर में नहीं घुसने दिया है। दूध की सप्लाई जरूर हुई है। मेडिकल की दुकानें भी खुली हैं। जिला प्रशासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बुधवार दिनभर ऐसी ही सख्ती रहेगी। केंद्र ने जो नई गाइडलाइन जारी की है उसको गुरुवार सुबह से लागू किया जाएगा। किराना, सब्जी, और दूध की दुकानें सुबह 7 बजे से 10 तक खुलेंगी। मेडिकल की दुकानें और इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। ज्यादा जरूरी होने पर लोगों को पास भी बनाकर दिए जाएंगे।
ग्वालियर और शिवपुरी में कोरोनावायरस से संक्रमित एक-एक मरीज मिलने के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। दोनों शहरों में कर्फ्यू लागू है। इधर, दोनों संक्रमित की हालत स्थिर है। ग्वालियर में मिले संक्रमित ने लोगों से माफी मांगी है। कोरोना पॉजिटव मरीज मिलने के बाद राज्य सरकार ने गजराराजा मेडिकल कॉलेड की डीन डॉ. सरोज कोठारी को लापरवाही बरतने के आरोप के चलते हटा दिया है। उनकी जगह डॉ. अशोक मिश्रा को कमान सौंपी गई है।
ग्वालियर का मरीज खजुराहो से लौटा था। उसने डीन को बताया था कि खजुराहो में वो किसी विदेशी पर्यटक के संपर्क में आया था। इधर, भोपाल में मिली कोरोना पॉजिटव युवती के संपर्क में भिंड का एक युवक दो दिन तक रहा। इसके बाद वो भिंड लौट आया। यहां वो दिन से घर से बाहर नहीं निकल रहा था। उसने घर से बाहर नहीं निकलने का कारण अपने दोस्तों को बताया था। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर अस्पताल में भर्ती कराया है।
शिवपुरी में सख्ती
दुबई से लौटे एक युवक को कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने पर जिला प्राशासन और पुलिस ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। बुधवार सुबह शहर में सिर्फ दूध की सप्लाई की गई। डेयरियों पर दूध लेने आने वालों को दूध नहीं मिल सका, क्योंकि जिला प्रशासन ने आज डेयरी नहीं खुलने दीं। शहर में आज सब्जी बेचने आने वालों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। शिवपुरी में कर्फ्यू सिर्फ शहरी इलाके में लगाया गया है। बाकी स्थानों पर टोटल लॉक डाउन है। कोरोनावायरस का संक्रमित मरीज 21 मार्च को अस्पताल से भागकर घर आ गया था। 24 मार्च को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस बीच वह घर पर ही रहा। बताया जा रहा है कि इस दौरान उसने घर में ना ही मास्क लगाया और ना ही कोई सुरक्षात्मक कदम उठाए। संक्रमित युवक और उसके परिजन आस-पड़ोस के लोगों से मिलते रहे। 24 घंटे निकल जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों की सूची नहीं बना पाया है, जिन लोगों से युवक मिला है।