ग्वालियर। आरोग्यधाम (Arogyadham) में पथरी का ऑपरेशन कराने के बाद मरीज की अचानक तबियत बिगड़ गई। हालत खराब होने के बाद इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करने के साथ ही वेंटिलेटर पर रखा। लेकिन मरीज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मरीज की मौत पर परिजनों ने इलाज कर रहे डॉक्टर पर गलत इलाज करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पीएम के लिए डैड हाउस भेज दिया।
भितरवार के पास ग्रमा बेला निवासी बीरबल रावत उम्र 50 साल पथरी रोग से पीडि़त था। पांच मार्च को बीरबल इलाज के लिए सिटी सेंटर पुल के पास स्थित आरोग्यधाम पहुंचा। जहां डॉक्टरों ने उनका पथरी का ऑपरेशन करने की बात कही। बीरबल उसी दिन ऑपरेशन के लिए भर्ती हो गए। और इलाज कर रहे डॉक्टरों ने शाम को उनका ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के पन्द्रह घंटे बाद मरीज बीरबल की हालत अचानक बिगड़ गई। तत्काल इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें आगे के इलाज के लिए आईसीयू के साथ ही वेंटीलेटर सपोर्ट दिया। लेकिन इलाज के दौरान शनिवार की रात मरीज बीरवल की मौत हो गई। मरीज की मौत पर मौके पर मौजूद परिजनों व रिश्तेदारों ने डॉक्टरों पर गलत इलाज करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरु कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची थाना विवि पुलिस ने हंगामा कर रहे परिजनों को शांत कर शव को अपने कब्जे में लेकर शव को पीएम के लिए डैड हाउस भेज दिया है।
बीरबल के भतीजे विजय रावत ने बताया कि उनके ताऊ की मौत डॉक्टरों द्वारा लगाए गए गलत इंजेक्शन के कारण हुई है। चार मार्च तक ताऊ बिल्कुल स्वस्थ थे और गांव में ही आयोजित एक शादी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पांच मार्च को ऑपरेशन कराने के लिए आरोग्य धाम में भर्ती हुए थे। मरीज बीरबल की मौत के बाद परिजनों ने शव को मैनगेट पर रखकर दोषी डॉक्टरों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग को लेकर एक घंटे तक जमकर हंगामा किया। पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद परिजनों को समझाने के बाद ही परिजनों का गुस्सा शांत हो सका।