रविवार के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित क्यों है | HINDU RITI RIWAJ or MANYATAYE

Bhopal Samachar
विष्णु पुराण के अनुसार सिर्फ रविवार ही नहीं बल्कि एकादशी, द्वादशी, संक्रान्ति, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण तथा संध्या काल में तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है। कथाओं में बताया जाता है कि तुलसी मां एकादशी व्रत करती हैं और इसलिए उन्हें तोड़कर परेशान नहीं किया जाता। एकादशी के दिन पत्ते तोड़ने से घर में गरीबी का वास होता है।

Why should not break basil leaves on Sunday

विष्णु पुराण के अनुसार रवि‍वार को भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि रवि‍वार विष्णु का प्रिय वार है और तुलसी को माता लक्ष्मी का रूप कहा गया है। जब भगवान विष्णु माता लक्ष्मी के साथ हो, तब उन्हें किसी तरह का विघ्न उत्पन्न ना हो इसलिए रविवार के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने के लिए मना किया जाता है। 

तुलसी के पत्ते से जुड़ी कुछ और मान्यताएं

कई जगहों पर क्रूर वार होने के कारण मंगलवार को भी तुलसी नहीं तोड़ते। 
तुलसी का पत्ता बिना स्नान किए नहीं तोड़ना चाहिए। 
यदि कोई व्यक्ति बिना नहाए ही तुलसी के पत्तों को तोड़ता है तो पूजन में ऐसे पत्ते भगवान द्वारा स्वीकार नहीं किए जाते हैं।
तुलसी के पत्तों को 11 दिनों तक बासी नहीं माना जाता है। 
इसकी पत्तियों पर हर रोज जल छिड़कर पुन: भगवान को अर्पित किया जा सकता है।
शिवजी, गणेशजी और भैरवजी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!