दी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम), इंदौर हर साल एक एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजन करता है, जिसमें 20,000 से भी ज्यादा छात्र भाग लेते हैं। इस एप्टीट्यूड टेस्ट के जरिए छात्रों को मैनेजमेंट में 5 साल के इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में प्रवेश पाने का मौका मिलता है।
मैनेजमेंट के न्यूट्रल नेचर के कारण यह बहुत ही कम समय में करियर का एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है, जिसका चुनाव किसी भी स्ट्रीम का छात्र कर सकता है। इसके अलावा, समाज में करियर और सम्मान के मामले में भी इसका बहुत स्कोप है।
परीक्षा की तैयारी शुरु करने से पहले क्या करें
स्पेशलिस्ट अंकित कपूर का कहना है कि, “किसी भी परीक्षा की तैयारी शुरु करने से पहले उसके पैटर्न व स्ट्रक्चर को अच्छे से समझना जरूरी है। स्टडी मटीरियल को एक बेहतरीन कंटेंट डिवलपिंग टीम द्वारा तैयार किया गया है, जो छात्रों को बेहतर तरीके से तैयारी करने में मदद करता है। आईआईएम इंदौर जैसी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए धीरज, दृढ़ निश्चय, सही मार्गदर्शन और उत्साह के साथ नियमित रूप से अभ्यास की आवश्कता होती है। इससे छात्रों के ज्ञान और बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।”
परीक्षा की तैयारी में सबसे जरूरी बात क्या है
हालांकि, उचित तैयारी में टाइम मैनेजमेंट की एक अहम भूमिका है, जहां छात्रों के लिए 12वीं की बोर्ड परीक्षा के साथ प्रवेश परीक्षा की तैयारी पर भी ध्यान देना जरूरी है। छात्रों के लिए दोनों परीक्षाओं के बीच संतुलन बनाकर रखना आवश्यक हो जाता है क्योंकि एक अंको के आधार पर कॉलेज में प्रवेश दिलाती है तो दूसरी प्रवेश परीक्षा के आधार पर एक बेहतरीन संस्थान में पढ़ने का मौका देती है। नियमित रूप से अभ्यास के साथ छात्रों को इस प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं को क्रैक करने में सहायता मिलती है।