इंदौर। रंग पंचमी के अवसर पर इंदौर में आयोजित होने वाला विश्व प्रसिद्ध कार्यक्रम 'गेर' रद्द कर दिया गया है। कोरोना वायरस के खतरे के चलते यह फैसला लिया गया। यह एक ऐसा कार्यक्रम था जिसे देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं।
इंदौर की 73 साल पुरानी परंपरा टूटी
करोना वायरस के चलते रंगों के त्यौहार रंगपंचमी पर निकलने वाली गेर को प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। गेर नहीं निकालने के निर्देश आने से पहले शहर के चारों गेरों के आयोजकों ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। जहां रंग बरसाने के लिए टैंकरों पर मिसाइले कस गई थी वहीं हजारों किलों गुलाल भी आ चुका था। 73 साल से निकाली जा रही गेरों की परंपरा में यह पहला मौका है जब गेर नहीं निकाली जा रही है। संगम कार्नर की गेर में शामिल होने बरसाने से कलाकार आ चुके थे तो मारल क्लब ने खंडवा से रामराज्य ढोल की टीम को वापस लौटाया।
यह पहला मौका जब नहीं निकल रही गेर
टोरी कार्नर रंगपंचमी समिति के शेखर गिरि का कहना है कि दिनभर प्रशासन के लोग मार्ग का मुआएना करते रहे और रात को गेर निकालने देने से इनकार कर दिया। पानी के टैंकर आकर खड़े है। 150 बोरी गुलाल आ गया है। मिसाईले टैंकरों में कस दी है। जिन लोगों के संसाधनों का उपयोग होना था उनको पैसे दे दिए है।
लट्टमार होली के लिए कलाकार आ गए थे
संगम कार्नर चल समारोह समिति के कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि प्रशासन के आदेश के बाद अब गेर नहीं निकाली जाएगी। हालांकि हमने गेर की सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। 4 हजार किलों गुलाल और फूल तैयार था। 250 मेहमान भी आए थे। डीजे साउंड की गाडिया आ गई थी। लट्मार होली के लिए बरसाना से कलाकार भी आ गए थे।
खंडवा से लौटाया रामराज्य ढोल
मॉरल क्लब के अभिमन्यु मिश्रा ने बताया कि 100 सदस्यी रामराज्य ढोल खंडवा तक आ गया था। गेर के निरस्त होने के बाद उन्हें वहीं से वापस लौटाया गया। कार्यकर्ताओं के लिए खाने के पैकेट भी बन गए थे। ट्राले, टैक्टर और अन्य वाहन भी पहुंच गए थे। तैयारियां पूरे होने के बाद सबके हित को ध्यान में रखते हुए गेर निरस्त करने के फैसले में सहमति दी।