इंदौर। सिमरोल क्षेत्र के भेरूघाट में सप्ताहभर पहले मिले शव का मामला हत्या का निकला। क्राइम ब्रांच ने उद्योगपति हेमंत नीमा व उसके परिवार के सात लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। मृतक नीमा का ड्राइवर था। आरोप है कि उद्योगपति के कर्मचारी, बाउंसर और गार्ड ने नीमा के कहने पर ड्राइवर को अगवा किया था और उसके बंगले पर बंधक बनाकर जमकर पीटा था। मौत हो जाने पर शव को भेरूघाट क्षेत्र में फेंक दिया था। डीआईजी रुचि वर्धन मिश्र ने नीमा को हिरासत में लेने की पुष्टि की है। बेटे के साथ ड्राइवर के 'दोस्ताना' संबंधों से नाराज होकर वारदात को अंजाम दिए जाने का पुलिस को शक है। मामले में नीमा की भूमिका को लेकर गोपनीय पत्र भी भेजे जाने की जानकारी पुलिस को मिली है।
पुलिस के मुताबिक भेरूघाट पर 10 मार्च को महाराष्ट्र के यवतमाल में रहने वाले 56 वर्षीय प्रमोद मातकर का शव मिला था। उसे डंडे और क्रिकेट के बल्ले से पीट-पीटकर मारा गया था। जांच में पता चला कि मातकर एक अन्य कारोबारी के यहां ड्राइवर था। पुलिस ने मातकर के स्वजन से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि इसके पूर्व वह करीब 22 साल तक केसरबाग रोड निवासी उद्योगपति हेमंत नीमा का कार ड्राइवर रह चुका है। पुलिस ने मातकर के मोबाइल की आखिरी लोकेशन निकाली तो नीमा के घर के आसपपास की मिली। इससे नीमा पर शक गहरा गया। दो दिन पूर्व कॉल डिटेल के आधार पर नीमा के एक कर्मचारी को हिरासत में लिया। उसने पूछताछ में बताया कि मातकर और नीमा के बेटे के 'दोस्ताना' संबंध थे, जो नीमा को पसंद नहीं थे। उसने कर्मचारियों के साथ मातकर को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र रचा और बंधक बनाकर पीटा।
क्राइम ब्रांच की पूछताछ में पता चला कि मातकर भंवरकुआं क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक लॉज में रहता था। नीमा के चार कर्मचारियों ने उसे बहाने से बुलाया और अगवा कर नीमा के बंगले पर ले गए। यहां उससे पूछताछ की गई। इस दौरान कहासुनी होने पर उसे पीटा गया। क्राइम ब्रांच के अनुसार मातकर को बंगले पर ही जमकर पीटा गया। उसके हाथ-पैर बांधकर वार किए गए। गंभीर घायल हो जाने के बाद भी नीमा व उसके कर्मचारी नहीं रुके और उसकी मौत होने तक उसे पीटते रहे। फिर नीमा और कर्मचारियों ने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। नीमा की कार से ही शव को भेरूघाट ले गए और शव पटक दिया ताकि पुलिस अज्ञात ट्रक चालक समझकर उलझ जाए और लावारिस समझकर शव का अंतिम संस्कार कर दे। शव पर मिले चोट के निशान की वजह से पुलिस ने हत्या का मामला मानकर जांच शुरू की।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशान मिलने और मातकर के हाथ पर स्याही लगी होने से सिमरोल पुलिस ने जमीन विवाद में हत्या का मामला मानकर जांच शुरू की। बाद में उसकी शिनाख्त होटल मालिक के कर्मचारी के रूप में हो गई। शव मिलने के स्थान के आसपास तलाशी में पुलिस को मातकर का मोबाइल मिला। इसमें कॉल डिटेल और लोकेशन से पुलिस आरोपितों तक पहुंच गई।
जांच में शामिल अफसरों के मुताबिक मातकर 1991 से नीमा के यहां काम करता था। इस दौरान उसने नीमा के बेटे के साथ दोस्ती कर ली। बेटा डर के कारण किसी को बता भी नहीं पा रहा था। मातकर नौकरी छोड़ने के बाद भी उसे धमकाकर लॉज पर बुला लेता था। तनाव में नीमा का बेटा शराब पीने लगा था। कुछ दिनों पूर्व बहू ने नीमा को पूरा घटनाक्रम बताया। गुस्साए नीमा ने उसी वक्त मातकर को ठिकाने लगाने का प्लान बना लिया। इस मामले नीमा के परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई भी सदस्य सामने नहीं आया।
हेमंत नीमा सहित करीब 25 लोगों से हत्या के मामले में पूछताछ की जा रही है। नीमा के कुछ परिवार वालों को भी बुलाया गया है। उक्त मामले में नीमा संदिग्ध है। भूमिका की जांच की जा रही है।
राजेश दंडोतिया, एएसपी, क्राइम ब्रांच