जबलपुर। डीएसपी लोकायुक्त जेपी वर्मा ने बताया है कि उन्होंने एक छापामार कार्रवाई में शासकीय अस्पताल रांझी में पदस्थ डॉक्टर शैलेंद्र दीवान को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि डॉक्टर शैलेंद्र दीवान एक नर्स का मनचाहा ट्रांसफर कराने के बदले रिश्वत ले रहे थे। उन्होंने सवा लाख रुपए में नर्स का ट्रांसफर कराने की बात कही थी।
लोकायुक्त डीएसपी जेपी वर्मा ने बताया कि बिलपुरा कॉलोनी निवासी दीपक ठाकुर (34) ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी पत्नी संगीता गोटिया कटनी कनवारा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग में नर्स के पद पर पदस्थ है। उसके पैर में कुछ दिन पहले चोट लगी थी, तो वह रांझी स्थित शासकीय अस्पताल गया था। जहां उसका परिचय डॉक्टर शैलेन्द्र दीवान से हुआ था। डॉक्टर से इलाज कराते वक्त उसने अपनी पत्नी संगीता के बारे में जानकारी दी थी।
भोपाल से काम करवा दूंगा, सवा लाख लगेंगे
दीपक ठाकुर ने बताया कि उसे डॉक्टर दीवान ने 24 फरवरी को फिर से जांच के लिए अस्पताल बुलाया था। जब वह अस्पताल पहुंचा, तो डॉक्टर ने उसकी जांच की और उससे कहा कि तुम्हारी पत्नी का तबादला कटनी से जबलपुर के अस्पताल में करा देगा। यह काम भोपाल से कराना पड़ेगा। इस काम के सवा लाख रुपए लगेंगे। ट्रांसफर कराने के लिए दीपक ने हामी भर दी।
बातचीत के वक्त मरीजों पर नहीं दिया ध्यान
पीड़ित दीपक ने लोकायुक्त डीएसपी जेपी वर्मा को बताया कि उससे जब डॉक्टर दीवान बातचीत कर रहे थे, तो दो मरीज इलाज के लिए आए थे लेकिन डॉक्टर ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया था। यह बात उसे अच्छी नहीं लगी, जिसके कारण वह डॉक्टर की शिकायत कर रहा है। वहीं डॉक्टर से सवा लाख रुपए का टोकन 11 हजार रुपये देने के लिए 3 मार्च को कहा था।
कमरे में ही डॉक्टर ने ली 11 हजार की रिश्वत
डीएसपी जेपी वर्मा ने बताया कि योजना के मुताबिक मंगलवार की दोपहर लगभग 3 बजे वह टीम के सदस्य निरीक्षक ऑस्कर किंडो, आरक्षक शरद पांडे, अमित गावडे, दिनेश दुबे, विजय सिंह, ड्रायवर राकेश विश्वकर्मा के साथ रांझी स्थित शासकीय अस्पताल पहुंचे और इंतजार करने लगे। जैसे ही दीपक से डॉक्टर दीवान ने 11 हजार रुपए लिए, तभी दबिश देकर डॉक्टर दीवान को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही डॉक्टर का लोकायुक्त डीएसपी ने रिश्वत की रकम के साथ हाथ पकड़ा, डॉक्टर सकते में आ गए और चुपचाप बैठे रहे।