जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले जबलपुर रेल मंडल में साबुन घोटाला सामने आया है। कर्मचारियों को दिसंबर 2018 में एक्सपायर हो चुके साबुन उपलब्ध कराए गए। इससे कर्मचारियों में इंफेक्शन हो गया। कर्मचारियों ने हंगामा किया तो ADMI विजय सिंह ने एक्सपायर हो चुके साबुन ओं को हटाकर नए साबुन उपलब्ध कराने के निर्देश तो दिए लेकिन घोटाले की जांच के आदेश नहीं दिए। सवाल यह है कि उस भ्रष्ट अधिकारी को क्यों बचाने की कोशिश की जा रही है जो पैसों के लिए लोगों की जान से खेल सकता है।
जबलपुर साबुन घोटाला: रेल कर्मचारियों के हाथों में इंफेक्शन एवं जलन होने लगी
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल अंतर्गत जबलपुर में कैरिज एंड वैगन (सीएंडडबलू) विभाग के कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान उपयोग करने के लिए जो साबुन की बट्टियां वितरित की गईं, उसका उपयोग करते ही कई कर्मचारियों के हाथों में इंफेक्शन हो गया व जलन होती रही, जब साबुन पर लिखी एक्सपायरी डेट देखी गई तो लोग आश्चर्यचकित रह गये, क्योंकि वह साबुन तो दिसम्बर 2018 में ही एक्सपायर्ड हो चुकी थी।
कर्मचारी यूनियन ने विरोध जताया
इसकी जानकारी लगते ही वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने विरोध करते हुए संबंधित अधिकारियों का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया। यूनियन ने आरोप लगाया कि यहां के अधिकारी, कमीशनखोरी के चक्कर में एक्सपायर्ड हो चुके साबुन की खरीदी बड़ी संख्या में की है, ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
साबुन रिप्लेस किए लेकिन जांच के आदेश नहीं
इस पर संज्ञान लेते हुए 3 मार्च 2020 मंगलवार को डबलूसीआरईयू मेन ब्रांच ने एडीएमई विजय सिंह एवं एसएसई (जी) एरिक मिंज का घेराव एवं प्रदर्शन कर उनके समक्ष एक्सपायरी साबुन रखकर विरोध प्रकट किया। कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए एडीएमई विजय सिंह ने तुरंत अच्छी क्वालिटी का साबुन देने तथा खराब साबुन बदलने का निर्देश दिया तथा स्टोर द्वारा ऐसी गलती दुबारा नही होगी, ऐसा आश्वासन दिया। प्रदर्शन में मुख्य रूप से डबलूसीआरईयू मेन शाखा के सचिव रोमेश मिश्रा, अध्यक्ष जरनैल सिंह,शशिपाल मीना, रवि गौतम, सतीश, रमेश, कमलेश, जीतेन्द्र, तारा सिंह, निशांत सहित भारी संख्या में कर्मचारी शामिल रहे।