KAMAL NATH इनमें से कोई एक दांव खेलेंगे | my opinion by Pravesh singh

Bhopal Samachar
10 मार्च 2020 का दिन मध्यप्रदेश की राजनीति में अनेक उठापटक लेकर आया है। इसमें ना केवल भाजपा के "ऑपरेशन लोटस भाग-2" में सफलता मिलती दिख रही है बल्कि कांग्रेस के 14 माह की सरकार भी गिरती दिख रही है। इसके सूत्रधार अनेक लोग हो सकते हैं लेकिन आज चर्चा बस ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की है जिन्होंने 18 वर्ष बाद कांग्रेस छोड़ दी। उनके साथ ही कांग्रेस के अनेक विधायकों ने "गैर संवैधानिक" रुप से "एक जैसा" इस्तीफा दिया।

हालांकि अभी सरकार गिर गयी और नयी सरकार बन गयी हैं ऐसा नहीं है और इसमें काफी समय है क्योंकि विधायक "कांग्रेस" के टिकट से माननीय बने हैं ना कि "सिंधिया" के टिकट से। कमलनाथ जी के पास अभी अनेक विकल्प खुले हैं। सबसे बड़ा विकल्प है कि विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के इस्तीफे स्वीकार ना करें और फ्लोर टेस्ट के समय भाजपा के विधायकों को निलंबित कर दिया जाये जिससे संख्या बल में कांग्रेस की सरकार स्वत: बच जायेगी। 

दूसरा विकल्प यह है कि वे नया मंत्रीमंडल गठन कर कैबिनेट के माध्यम से विधानसभा भंग करने की अनुशंसा कर सकते हैं जिसे राज्यपाल को मानना अंततः अनिवार्य है। तः मध्यप्रदेश की राजनीति में अभी और ट्विस्ट आने बाकी हैं जिसका पटाक्षेप आसानी से होता नहीं दिख रहा है।

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