CM Kamalnath reply to governor lalji Tandon (3rd letter)
माननीय राज्यपाल जी, मैंने अपने 40 साल के लंबे राजनैतिक जीवन में हमेशा सम्मान और मर्यादा का पालन किया है। आपके पत्र दिनांक 16 मार्च 2020 को पढ़ने के बाद मैं दुखी हूं कि आपने मेरे ऊपर संसदीय मर्यादाओं का पालन न करने का आरोप लगाया है। मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी, फिर भी यदि आपको ऐसा लगा है तो, मैं खेद व्यक्त करता हूं।
फ्लोर टेस्ट नहीं, कोरोना वायरस के कारण विधानसभा स्थगित हुई है
'आपने अपने पत्र में यह तो लिखा है कि, सदन की कार्यवाही दिनांक 26/03/2020 तक स्थगित हो गई परन्तु स्थगन के कारणों का संभवतः आपने उल्लेख करना उचित नहीं समझा। जैसा कि आप स्वयं जानते हैं कि, हमारा देश व पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक अंतररराष्ट्रीय महामारी घोषित किया है। भारत सरकार ने इस बारे में एडवाईजरी जारी की है और समारोह अथवा सार्वजनिक स्थान, भीड़ से बचने के निर्देश दिए हैं। इस कारण अध्यक्ष विधानसभा ने सदन की कार्यवाही 26 मार्च 2020 की प्रातः 11 बजे तक स्थगित की है।'
मैंने 15 महीने में कई बार अपना बहुमत सिद्ध किया है
'आपने अपने पत्र मं यह खेद जताया है कि मेरे द्वारा आपने जो समयावधि दी थी उसमें विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने के बजाय मैंने आपको पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने में आनाकानी की है। मैं आपके ध्यान में यह तथ्य लाना चाहूंगा कि पिछले 15 महीनों में मैंने सदन में कई बार अपना बहुमत सिद्ध किया है। अब यदि भाजपा यह आरोप लगा रही है तो मेरे पास बहुमत नहीं है तो वे अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं। मेरी जानकारी में आया है कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है जो विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित है। विधानसभा नियमावली के अनुसार माननीय अध्यक्ष इस पर नियमानुसार कार्यवाही करेंगे तो अपने आप यह सिद्ध हो जाएगा कि हमारा विधानसभा में बहुमत है।'
कर्नाटक में मध्य प्रदेश के 16 विधायकों को बंधक बनाकर रखा हुआ है
'मैं बार-बार अपने पत्रों के माध्यम से एवं आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर उस असाधारण स्थिति के बारे में अवगत करवाता रहा हूं कि जब कांग्रेस के 16 विधायकों को बेंगलुरू में भाजपा के नेताओं द्वारा अपने साथ चार्टर्ड हवाई जहाज में ले जाकर कर्नाटक पुलिस की मदद से होटल/रिसॉर्ट में बंदी जैसी स्थिति में रखा गया है, जहां उनसे कोई मिल नहीं सकता, बात नहीं कर सकता तथा भोपाल आने से रोका जा रहा है, जबकि भाजपा के नेता उनके पास आ-जा रहे हैं और उनके मन-मस्तिष्क पर प्रलोभन, डर, दबाव डालकर प्रभाव डाल रहे हैं और झूठे बयान मीडिया में दिलवा रहे हैं।'
16 विधायकों को 7 दिन घर पर रहने दीजिए
'मैं पुनः आश्वस्त करना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश के बंदी बनाए गए 16 कांग्रेसी विधायकों को स्वतंत्र होने दीजिए और पांच-सात दिन खुले वातावरण में बिना किसी डर-दबाव अथवा प्रभाव के उनके घर पर रहने दीजिए ताकि वे स्वतंत्र मन से अपना निर्णय ले सकें।
आपका मानना आधारहीन एवं असंवैधानिक है
आपका यह मानना कि दिनांक 17 मार्च 2020 तक मध्यप्रदेश विधानसभा में, मैं फ्लोर टेस्ट करवाऊं और अपना बहुमत सिद्ध करूं अन्यथा यह माना जाएगा कि मुझे वास्तव में विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है, पूर्णतः आधारहीन होने से असंवैधानिक होगा।'