छात्रों का कहना है कि वे MBBS 2015 बैच के विद्यार्थी हैं और जनवरी 2021 की प्रीपीजी प्रवेश परीक्षा में बैठने की पात्रता हेतु उनका परीक्षा परिणाम 30 मार्च 2020 के पूर्व अनिवार्य रूप से घोषित हो ताकि वे प्रीपीजी की परिक्षी में सामिल हो सके और इन्टर्नशिप हर स्थिति में 31 मार्च अथवा 1 अप्रैल से प्रारम्भ हो सके I
20 मार्च 2020 को कुछ छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारियों से सम्पर्क करने पर पता चला कि संभवत: एमबीबीएस फाइनल ईयर बैच 2015 के रिजल्ट के कार्य मैं बाधा आ सकती है और परिणाम 30 मार्च तक घोषित नहीं होगा । जबकि छात्रों की वार्षिक परीक्षा 28 फरवरी 2020 तक पूर्ण हो चुकी है I यदि रिजल्ट निर्धारित तिथि से एक दिन भी विलम्ब से आता है तो छात्र प्रीपीजी परीक्षा में बैठने की पात्रता से वंचित हो जाएंगे और उनके मेडिकल कैरियर एक वर्ष का विलम्बित हो जाएगा I
कई वर्षों पूर्व विद्यार्थियों के हित में माननीय न्यायालय ने इस आशय का स्टैंडिंग निर्णय दिया था, जिसका अक्षरशः परिपालन देश के सभी विश्वविद्यालय करते आ रहे हैं I गतवर्ष मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर ने भी इस आदेश का का विधिवत पालन किया था I
वैसे भी चिकित्सक बनने का सपना संजोने वाले विद्यार्थी को औसतन 8 से दस वर्ष लग जाते हैं और वह उम्र की दृष्टि से 29 से 31 वर्ष का हो जाता है I अतएव प्रदेश के सैकड़ों विद्यार्थियों के बेहद कीमती एक वर्ष का अनावश्यक विलम्ब कदापि उचित नहीं है I
MBBS बेच 2015 की प्रथम, द्वितीय और प्रीफाइनल प्रोफेशनल की परीक्षा संपन्न हो चुकी हैं परंतु केवल प्रथम वर्ष की मार्कशीट ही हार्डकॉपी के रूप में विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई है, इन सभी परीक्षाओं की मार्कशीट की आवश्यकता छात्रों को आगामी समय में प्री पीजी परीक्षा के फॉर्म भरने हेतु रहेगी, ऐसे में मार्कशीट ना होने के कारण संपूर्ण प्रदेश के मेडिकल छात्र प्रीपीजी परीक्षा देने के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे।