भोपाल। भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की कैद से विधायक मनोज चौधरी की रिहाई के लिए उनके भाई बलराम चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। बलराम चौधरी का आरोप है कि उनके भाई को अवैध तरीके से बेंगलुरु में रखा गया है।
कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी के भाई बलराम चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की
मंगलवार को बलराम चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई एवं कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी को अवैध रूप से बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में बंधक बनाकर रखा गया है। बलराम चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि उनके विधायक भाई की रिहाई के लिए, संबंधित पक्षकारों को आदेशित करें एवं विधायक मनोज चौधरी को सुप्रीम कोर्ट में बुलाए।
विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण चौधरी कर्नाटक पुलिस से शिकायत कर चुके हैं
इससे पहले विधायक मनोज चौधरी के पिता श्री नारायण चौधरी उनसे मिलने बेंगलुरु गए थे। उनके साथ कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी भी थे। बेंगलुरु में जीतू पटवारी और पुलिस के बीच हाथापाई हुई और पुलिस ने मंत्री जीतू पटवारी को हिरासत में ले लिया था। पुलिस से रिहा होने के बाद जीतू पटवारी के साथ नारायण चौधरी ने कर्नाटक पुलिस से शिकायत की थी।
तो क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ अपहरण की FIR दर्ज होगी
यदि सुप्रीम कोर्ट ने बलराम चौधरी की याचिका स्वीकार कर ली एवं पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिए तो विधायक मनोज चौधरी को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत होना पड़ेगा। यदि विधायक चौधरी ने अपने भाई की याचिका में लगाए गए आरोपों का समर्थन कर दिया तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो सकती है। याचिका में जो आरोप लगाए गए हैं उसके अनुसार यह अपहरण का मामला है।