मप्र सियासी संकट: कमलनाथ सरकार ने राज्यपाल की शक्तियों पर सवाल उठाए | MP NEWS

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ मीडिया के सामने भले ही पूरे कॉन्फिडेंस के साथ सरकार सुरक्षित होने का दावा करते हो परंतु मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार फ्लोर टेस्ट से बचने की कोशिश कर रही है। शनिवार रात राज्यपाल ने जो चिट्ठी लिखी रविवार अलसुबह कमलनाथ सरकार की विधि विधाई और कानून मंत्री ने राज्यपाल महोदय की शक्तियों पर सवाल उठा दिए। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ की कैबिनेट में विधि विधाई और कानून मंत्री एवं मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कुल देवता श्री दिग्विजय सिंह के नजदीकी पीसी शर्मा ने बयान दिया है कि सदन के अंदर जो कारवाही होगी उस पर स्पीकर साहब का विशेषाधिकार है, राज्यपाल बहुत ज़्यादा निर्देशित नहीं कर सकते। याद दिला दें कि राज्यपाल महोदय ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सदन आहूत करने की चिट्ठी लिखते हुए निर्देशित किया था कि विश्वास मत पर मतदान किस तरीके से होगा। (राज्यपाल महोदय ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए क्या निर्देश दिए थे यहां पढ़ें

क्या समस्या है यदि विश्वास मत पर वोटिंग पारदर्शी और निर्विघ्नं हो 

राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने अपनी चिट्ठी में संविधान की धारा 175(2) में प्रदत्त शक्तियों का जिक्र किया है। कांग्रेस पार्टी ने इसी आधार पर आपत्ति उठाई है। संविधान का वह पेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें धारा 175 (2) का विवरण है। तमाम तकनीकी बातों से अलग आपने जनता का सवाल सिर्फ इतना सा है कि क्या समस्या है यदि विधानसभा सदन के भीतर विश्वास मत पर वोटिंग पारदर्शी और निर्विघ्नं हो। जनता यह सवाल शिवराज सिंह चौहान शासनकाल में भी करती थी और कांग्रेस को इसलिए निर्दोष नहीं माना जा सकता क्योंकि विश्वास मत के दौरान भाजपा ने भी गड़बड़ियां की थी।

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