भोपाल। मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट चल रहा है और कमलनाथ के सबसे प्रिय मंत्री जीतू पटवारी बेंगलुरु में थे। उनके साथ मंत्री लाखन सिंह भी थे। कर्नाटक पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया। इस दौरान उनके साथ मारपीट की गई। बाद में पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। सवाल यह है कि जब मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट चल रहा है, जीतू पटवारी बेंगलुरु क्यों गए थे। पढ़िए जीतू पटवारी ने क्या जवाब दिया।
जीतू पटवारी ने हिरासत से छूटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि क्या दोस्तों से मिलना गुनाह है? जीतू पटवारी ने कहा- कांग्रेस के कुछ विधायक हमसे मिलना चाहते थे। यहां पर मेरे चचेरे भाई मनोज चौधरी को भी रखा गया है। मैं अपने भाई से यहां मिलने आया, लेकिन हमें रोका गया। हम अपने दोस्तों से मिलना चाहते हैं तो क्या यह गुनाह है? क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है? भला हो शिवकुमारजी का, उन्होंने हमें पुलिस की गिरफ्तारी से बचाया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा देने वाले नेताओं के संदर्भ में जीतू पटवारी ने कहा कि इन विधायकों ने 15 साल तक संघर्ष किया। उन पर भावनात्मक दबाव डालकर फोन ले लिए गए। भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। सिंधिया राज्यसभा जाएंगे, मंत्री बन जाएंगे, लेकिन इस्तीफा देने वाले विधायकों का क्या होगा? मेरे साथी विधायकों की वेदना मैं समझ सकता हूं।