भोपाल। मध्यप्रदेश की विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से बचने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ और मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के राजगुरु दिग्विजय सिंह ने एक साथ सारे मोर्चा खोल दिए हैं। बेंगलुरु में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस के सभी नेता अपने अपने तरीके से बागी विधायकों की आजादी की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के अनुसार विधायकों की आजादी की परिभाषा
सीएम कमलनाथ ने कहा कि विधायकों की आजादी तब मानी जाएगी जब वह बेंगलुरु से मध्यप्रदेश वापस आ जाएं और कम से कम 1 सप्ताह अपने परिवार के साथ रहे। सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल श्री लालजी टंडन द्वारा फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग को तीसरी बार ठुकरा दिया है। उनका कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है। इस पर फैसला वही करेंगे।
दिग्विजय सिंह ने कहा: बेंगलुरु में क्या कर रहे हैं 16 विधायक
मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर साहब को दिया गया है, उस पर स्पीकर साहब निर्णय करेंगे। हम लोग अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं। जो 16विधायक बेंगलुरू में है वो चाहे जो भी बयान दें पर ये तो बताएं कि इतने दिनों से वहां कर क्या रहे हैं?
पीसी शर्मा ने साबित करने की कोशिश की: विधायक दबाव में है
कमलनाथ सरकार के विधि विधाई एवं कानून मंत्री पीसी शर्मा ने भोपाल में प्रेस के सामने उपस्थित होकर यह प्रमाणित करने की कोशिश की कि बेंगलुरु में विधायकों ने जो प्रेस के सामने बयान दिया है, वह दबाव में दिया गया है। जिन विधायकों को मंत्री पद से हटाया जा चुका है, एवं जिन का इस्तीफा स्वीकार किया जा चुका है उनके द्वारा सरकारी कार्यक्रमों में दिए गए कुछ बयानों को प्रदर्शित करते हुए पीसी शर्मा ने यह साबित करने की कोशिश की कि जब यह सभी मंत्री स्वतंत्र थे तब किस तरह से कमलनाथ की तारीफ करते थे।