भोपाल। मध्यप्रदेश में पॉलिटिकल इमरजेंसी शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भोपाल बुलाने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस एवं सभी सहयोगी विधायकों को भोपाल बुला लिया है। सीएम कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को निर्देशित किया है कि वह भोपाल में रहे। किसी भी सूरत में राजधानी से बाहर ना जाएं। मंत्रियों के बीच विधायकों का बंटवारा किया गया है। ताकि सभी विधायकों पर नजर रखी जा सके।
कमलनाथ ने अपने घर पर कैबिनेट मीटिंग बुलाई, विधायक रामबाई भी मौजूद
स्थिति कितनी चिंताजनक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट मीटिंग का आयोजन भी अपने घर पर ही किया। वह मंत्रालय तक नहीं गए। कैबिनेट मीटिंग में बसपा से निष्कासित विधायक रामबाई भी मौजूद थीं। बताया जा रहा है कि बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की गई। माना यह भी जा रहा है कि लंबे अरसे से मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की बात कह रही रामबाई को मंत्री बनाया जा सकता है।
भाजपा नेताओं की बैठक दिल्ली में नरेंद्र सिंह तोमर के घर में
कैबिनेट मीटिंग और दिग्विजय से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि यहां के नेता बिकाऊ नहीं हैं, वे सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं। उधर, कांग्रेस की रणनीति का जवाब देने के लिए दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर मध्य प्रदेश को लेकर भाजपा नेताओं की बैठक चल रही है। इसमें शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, प्रह्लाद पटेल, धर्मेंद्र प्रधान और गोपाल भार्गव मौजूद हैं। इस बीच, 3 दिन से लापता निर्दलीय विधायक शेरा ने कमलनाथ से फोन पर बातचीत की। वे बेंगलुरु से भोपाल वापस आ रहे हैं और मुख्यमंत्री से मिलेंगे।
लापता विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने भी भाजपा पर कोई आरोप नहीं लगाया
तीन दिन से लापता विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने शुक्रवार को कमलनाथ से फोन पर बात की। सीएम के मीडिया अधिकारी सैयद जफर ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि शेरा भोपाल आकर सीएम से मुलाकात करेंगे। फोन पर मीडिया से शेरा ने कहा कि वे इंदौर के लिए निकलने वाले थे, तभी बंगलुरू एयरपोर्ट पर अज्ञात लोगों ने उन्हें रोक लिया। शेरा ने बताया कि उन्हें कहीं ले नहीं जाया गया था, सड़क पर ही रोका गया था। शेरा बेटी के इलाज के लिए बंगलुरू गए थे और अब परिवार समेत भोपाल लौट रहे हैं।
आंकड़ों में समझिए संकट में क्यों आई कमलनाथ सरकार
कुल सीटें: 230
मौजूदा सदस्य संख्या: 228 (भाजपा और कांग्रेस विधायकों के निधन से दो सीटें खाली)
विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर सदन में संख्या: 227
बहुमत के लिए कितने विधायक चाहिए: 114
कांग्रेस विधायकों की संख्या 112
भाजपा विधायकों की संख्या 107
बसपा विधायकों की संख्या 02 (बसपा विधायक रामबाई पार्टी से निलंबित हैं।)
सपा विधायकों की संख्या 01
निर्दलीय विधायकों की संख्या 04
यदि कांग्रेस पार्टी के 5 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया तो कमलनाथ सरकार का गिरना तय है। (विधायक हरदीप सिंह डंग इस्तीफा दे चुके हैं)
मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामे के 4 दिन
3 मार्च: सुबह दिग्विजय सिंह के ट्वीट कर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया। शाम को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दिल्ली पहुंचे। कांग्रेस ने देर रात दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस के 6, बसपा के 2 और एक निर्दलीय विधायक को गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल में बंधक बनाया। भोपाल से मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को दिल्ली भेजा गया।
4 मार्च: इस दिन दोपहर को सपा के राजेश शुक्ला (बब्लू), बसपा के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बसपा से निष्कासित राम बाई भोपाल पहुंचीं। कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिल रही थी। दिग्विजय ने फिर आरोप लगाया कि भाजपा ने 4 विधायकों को जबरन गुड़गांव से बेंगलुरु शिफ्ट किया है।
5 मार्च: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया। कांग्रेस के एक अन्य लापता विधायक बिसाहूलाल सिंह के बेटे ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भोपाल के टीटी नगर थाने में दर्ज कराई।
6 मार्च: कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक ली, सभी विधायकों को भोपाल बुलाया। दिल्ली में तोमर के घर भाजपा नेताओं की बैठक जारी। भाजपा विधायक पीएल तंतुवाय के गायब होने की खबरें आईं। दोपहर में वे सामने आए और कहा- मेरा फोन बंद था, गायब नहीं हुआ।