भोपाल। एक महीने से ज्यादा हो गया, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी यह नहीं बता पाईं कि इस साल मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की साड़ी का कलर क्या होगा। अब तो मंत्री की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। मंत्री महोदया साड़ी का कलर फाइनल नहीं कर पा रहीं हैं या बात कुछ और है। कोई दूसरा रंग जो अब तक सुर्ख नहीं हो पाया है।
मंत्री ने खुद आगे बढ़कर प्रक्रिया रुकवा दी
भाजपा सरकार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की साड़ियों का रंग गुलाबी (पिंक) तय किया गया था। 12 साल से वे इसी रंग की साड़ियां पहन रही हैं। इसमें कोई समस्या भी नहीं है क्योंकि पिंक कलर भाजपा का रंग नहीं है बल्कि महिलाओं का सबसे पसंदीदा रंग है लेकिन गुना के एक कार्यक्रम में मंत्री इमरती देवी ने कह दिया कि इस बार साड़ी का रंग बदला जाएगा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की साड़ी का रंग क्या होगा, वो खुद फाइनल करेंगी। एक महीना बीत गया। साड़ी का रंग फाइनल नहीं हो पाया। सवाल उठ रहा है कि मंत्री महोदया साड़ी का रंग फाइनल करना चाहतीं हैं या कुछ और।
मंत्री की मंशा पर संदेह क्यों हो रहा है
हर साल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को दो साड़ियों के लिए 800 रुपए उनके खाते में दिए जाते हैं। कांग्रेस की सरकार आने के बाद उन्हें वित्तीय वर्ष 2019-20 में फिर साड़ी के लिए पैसा दिया जाना था। साड़ी का रंग फाइनल हो जाने के बाद सूरत में साड़ी निर्माता कंपनी से बात करने अधिकारी जाएंगे। यह कंपनी बाद में मप्र में अलग-अलग जिलों में एक आउटलेट खोलेगी या साड़ी की किसी दुकान में व्यवस्था करेगी, जहां से महिलाएं साड़ी खरीद सकें।
हम तो पैसा दे चुके हैं
एक माह पहले ही पैसा दिया गया है। किस रंग की साड़ी होगी, इस पर उच्च स्तर से निर्णय होना है, क्योंकि बाल शिक्षा केंद्र और आंगनबाड़ी की ड्रेस अलग-अलग रखनी है। उम्मीद है कि जल्द इस पर निर्णय हो जाएगा।
नरेश पाल, आयुक्त, महिला एवं बाल विकास विभाग
ऐसी साड़ी देंगे जिसे पहनकर शादियों में भी जा सकें
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका जब पिंक साड़ी पहनकर कहीं जाती हैं, लोग देखते ही पहचान लेते हैं कि वह आंगनबाड़ी से है। उन्हें कुछ अच्छी क्वालिटी की साड़ी देंगे, ताकि वह उसे शादियों में भी पहन सकें। मार्च के पहले सप्ताह में तय कर देंगे कि रंग कैसा हो।
इमरती देवी, मंत्री, महिला एवं बाल विकास