भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में शह और मात का खेल लगातार जारी है। आज सुबह बेंगलुरु में रह रहे बागी विधायकों ने CRPF सुरक्षा की मांग की तो दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदारी सौंप दी है कि वह अपने समर्थक विधायकों को लेकर भोपाल पहुंचे। उम्मीद है रविवार रात या सोमवार सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने विधायकों के साथ भोपाल पहुंच जाएंगे।
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट की तैयारी शुरू कर दी है। राज्यपाल ने विधानसभा में 16 मार्च यानि सोमवार को कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है। विधानसभा में बहुमत पेश कर पाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। वहीं बीजेपी के लिए यह बड़ी चुनौती है कि कांग्रेस किसी भी सूरत में बहुमत साबित नहीं कर पाए। यही वजह है कि मध्य प्रदेश बीजेपी की ओर से सिंधिया को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह कांग्रेस के बागी और अपने समर्थक विधायकों को अपने साथ बनाए रखें।
16 विधायकों को बंधक बनाया गया है, मुक्त कराया जाए: कमलनाथ सरकार
वहीं कांग्रेस की केबिनेट बैठक के बाद पीसी शर्मा ने कहा कि बजट सत्र पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा। हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। फ्लोर टेस्ट का फैसला विधानसभा के स्पीकर लेंगे। पीसी शर्मा ने कहा कि CM ने गृहमंत्री को चिट्ठी लिखी है, वह अपने आप मे FIR है। मैं राज्यपाल से अपील करता हूं कि बंधक विधायको को छुड़ाया जाए। उन्होंने कहा कि अभी भी 16 विधायक किडनैप हैं।
बीजेपी का दावा, अल्पमत में है कांग्रेस सरकार
इससे पहले मध्य प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप के बाद पार्टी के कुछ विधायकों को अचानक गुरुग्राम पहुंचा दिया गया था। इसके बाद ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए। यही वजह है कि प्रदेश में कमलनाथ की सरकार पर पूरे देश के लोगों की नजरें टिकी हुई हैं। मध्य प्रदेश बीजेपी के नेता इन घटनाओं के बाद से यह दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है और वह बहुमत परीक्षण कराने पर जोर दे रही है।