भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कैबिनेट मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई है। मीटिंग का आयोजन रविवार 15 मार्च को किया गया है। यह वही तारीख है जब विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को उपस्थित होकर इस्तीफा देने के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि कैबिनेट मीटिंग में आगे की रणनीति बनाई जाएगी। यदि विधायकों ने आकर इस्तीफा सौंप दिया तो कोरोनावायरस के नाम पर विधानसभा का बजट सत्र स्थगित किया जा सकता है।
केंद्र सरकार से जारी हुई एडवाइजरी का हवाला
गौरतलब है कि 16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होना है। इस बजट सत्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर दोनों ही दलों के बीच खींचतान मची हुई है। बीजेपी चाहती है कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट किया जाए तो वहीं सरकार इस फ्लोर टेस्ट से बचने के प्रयास में दिख रही है। अगर फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनती है तो इससे सरकार पर संकट आ सकता है। ऐसे में सरकार रणनीति तैयार करने में जुटी है कि विधानसभा सत्र को ही स्थगित कर दिया जाए। कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार से जारी हुई एडवाइजरी का हवाला देते हुए सरकार विधानसभा सत्र को स्थगित करने के प्रयास में है।
बढ़ाया जा सकता है विधानसभा का सत्र
मंत्री पीसी शर्मा की मानें तो केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है कि किसी भी पब्लिक गैदरिंग के आयोजनों को रद्द किया जाए ताकि संक्रमण का खतरा ना हो। विधानसभा में भी प्रदेशभर से कई लोग पहुंचते हैं जिनमें संक्रमण का खतरा बना रहता है। इस खतरे से बचने के लिए संभव है कि विधानसभा का सत्र आगे बढ़ाया जाए।
बीजेपी का कहना "डरो ना"
वहीं बीजेपी की मानें तो कोरोना वायरस से ज्यादा डर सरकार को अपनी संख्या बल को लेकर है इसलिए सरकार सत्र को आगे बढ़ाने की बात कर रही है। हालांकि इन तमाम राजनैतिक दांवपेचों के बीच सीएम कमलनाथ काफी कॉन्फिडेन्ट हैं कि सरकार अगले 10 सालों तक और चलेगी लेकिन विधायक बचाओ मुहिम भी सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।