कमलनाथ सारी रात जागे, दिग्विजय सिंह को दिल्ली से भोपाल बुलाया: संकट में सरकार | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के एक्टिव हो जाने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री कमलनाथ की गतिविधियों में घबराहट दिखाई दी। सोमवार को अपने विधायकों को "फोकट का पैसा" लेने की सलाह देने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात अपनी ताकत बढ़ाने और भाजपा को कमजोर करने की उधेड़बुन में ही लगे रहे। सारी रात सीएम हाउस में लोगों का आना जाना बना रहा। जब कोई सलूशन नहीं निकला तो सीएम कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को दिल्ली से भोपाल बुला लिया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि वह सीएम कमलनाथ के बुलावे पर यहां आए हैं।

दिग्विजय सिंह सहित आधा दर्जन नेशनल लेवल के पॉलीटिशियंस सरकार बचाने में जुटे


मौजूदा हालातों में पूरी कमान कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अपने हाथ में ले ली है। मुख्यमंत्री निवास रणनीति का केंद्र है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलामनबी आजाद और कपिल सिब्बल उन्हें मदद कर रहे हैं। कांग्रेस का फाॅर्मूला भाजपा की तुलना में आसान है, क्योंकि अब भी उसके पास विधायकों की संख्या थोड़ी ज्यादा दिखाई दे रही है। उसका पहला काम अपने विधायकों में विश्वास बनाए रखना है, दूसरी रणनीति भाजपा के लोग तोड़ने की है।

ऑपरेशन लोटस को जेपी नड्डा लीड कर रहे हैं, पीएम और होम मिनिस्ट्री में मॉनिटरिंग

भाजपा की रणनीति बिल्कुल वही है, जो उसने कर्नाटक में अपनाई थी। दिल्ली में पूरा ऑपरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के नेतृत्व में चल रहा है, जिसमें शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, वीडी शर्मा, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद मेनन और आशुतोष तिवारी लगे हैं। पूरी मॉनिटरिंग पीएमओ और होम मिनिस्ट्री से हो रही है। रमाकांत भार्गव, रामपाल सिंह, अरविंद भदौरिया और विश्वास सारंग इसमें संपर्क सूत्र का काम कर रहे हैं। जिन विधायकों को कर्नाटक के बेंगलुरू के होटल में ठहराया गया है, उन्हें संभालने का जिम्मा भी बीएस येदियुरप्पा के बेटे को सौंपा गया है।

कमलनाथ झुके: वह सब देने को तैयार, जिस पर बात भी नहीं करते थे

मुख्यमंत्री कमलनाथ अब विधायकों की हर शर्त मानने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस का सिर्फ एक टारगेट भाजपा किसी भी तरह से आठ विधायकों को न तोड़ सके।
किसी भी विधायक का इस्तीफा बिना मिले स्वीकार नहीं होगा।
सभी निर्दलीयों को तत्काल वादा किया जाएगा कि उन्हें क्या मिलेगा। 
कुछ मंत्रियों के विभाग कम कर निर्दलीय सदस्यों को मंत्री बनाएं।
मंत्रिमंडल के 5 खाली पदों और निगम-मंडलों में तत्काल नियुक्तियां होंगी। 
संभव है कि प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष भी नियुक्त हो जाए।

सत्ता का अंक गणित

सदन की प्रभावी संख्या: 220
बहुमत का आंकड़ा: 110
8 कांग्रेसी इस्तीफा देंगे तो कांग्रेस की संख्या 106 हो जाएगी।
भाजपा की प्रभावी संख्या: 107
नारायण त्रिपाठी, शरद कोल कांग्रेस में जाते हैं तो भाजपा विधायक 105 होंगे। 
यानी कांग्रेस 106, भाजपा 105, इस सूरत में अन्य 7 की भूमिका अहम। 

दिल्ली में 8 घंटे बैठक, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल भी सुर्खियों में

इस बीच दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, अरविंद मेनन की 8 घंटे बैठक चली। देर रात नरोत्तम मिश्रा भी दिल्ली पहुंच गए। छतरपुर-टीकमगढ़ व आसपास के कांग्रेस विधायकों राहुल लोधी, प्रद्युम्न लोधी और कुछ अन्य के भी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के संपर्क में होने की बात कही जा रही है।

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