भोपाल। मध्यप्रदेश के नीमच में राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी ने नीमच कलेक्टर अजय गंगवार (IAS) एवं एडीएम वीके धोका पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। अरुण चंद्रवंशी ने एक शिकायत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रपति के पास भी भेजी है।
अपनी शिकायत में नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी ने आरोप लगाया है कि दोनों अधिकारियों ने मिलकर
- बाढ़ आपदा राशि में भ्रष्टाचार किया है।
- केंद्र व राज्य सरकार ने जो करोड़ों रुपए प्रभावितों को वितरित करने के लिए भेजे थे उसमें भ्रष्टाचार हुआ है।
- कलेक्टर ज्यादातर समय फेसबुक पर कमैंट्स किया करते हैं।
- एडीएम धोका जातिवाद की मानसिकता से काम करते हैं।
- दोनों अधिकारी अवैध खनन करने वालों को संरक्षण देते हैं।
- दोनों अधिकारियों के आय-व्यय के स्रोत का पता लगाया जाए।
- ई-गवर्नेंस के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है।
- कलेक्टर ने नीमच के हालात यूपी व बिहार जैसे बदतर कर दिए हैं।
- कई गांवों के नक्शे गायब कर दिए हैं।
नायब तहसीलदार ने पत्र में खुद की पीड़ा जाहिर की और लिखा जावद में पोस्टिंग है, लेकिन अटैचमेंट नीमच कर रखा है। मकान-भत्ता कुछ नहीं मिलता। गाैरतलब है कि नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी काे सितंबर 2019 को कलेक्टर गंगवार ने जावद से नीमच अटैच कर दिया था।
कलेक्टर, एडीएम और नायब तहसीलदार ने क्या-क्या कहा
नीमच कलेक्टर अजय गंगवार ने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है। स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि कलेक्टर फोन पर बात नहीं कर रहे हैं।
नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी का कहना है कि मैंने भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित सभी स्तर पर कलेक्टर व एडीएम के मामलों को प्रेषित कर दिया है।
एडीएम वीके धोका का कहना है कि कोई भी व्यक्ति मानसिक रूप से विक्षिप्त हो जाए तो इलाज होना चाहिए। उन्होंने सर्विस कंडक्ट रूल, अनुशासन को नहीं समझा। इस शिकायत को उनका पागलपन का दौरा समझूंगा।