भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्यसेवा प्राथमिक परीक्षा का आयोजन 12 जनवरी को किया गया था लेकिन अब तक रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। उम्मीदवार इस रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे ताकि UPSC परीक्षा के लिए अपनी रणनीति बना सकें। अब जबकि रिजल्ट नहीं आया है तो 400000 उम्मीदवार परेशान है।
MPPSC का रिजल्ट आ जाता तो UPSC की रणनीति फाइनल कर लेते
12 जनवरी को हुई एमपीपीएससी प्री परीक्षा में करीब 4 लाख प्रतिभागी शामिल हुए थे। 500 से ज्यादा पदों के लिए यह परीक्षा हुई थी। विद्यार्थियों का कहना है पिछले सालों में भी पीएससी के रिजल्ट विवादों में रहे हैं। कभी PSC EXAM में गलती करता है तो कभी प्रतिभागी किसी मुद्दे पर मामलों को कोर्ट में ले जाते हैं। विद्यार्थी रोहित पवार का कहना है कि जुलाई में होने वाली UPSC परीक्षा की तैयारी करने का सोचा था, लेकिन पीएससी की तैयारी शुरू होने के बाद इसी पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया था। इसके रिजल्ट लेट होने से पीएससी की मेंस की परीक्षा हो सकता है कि मई-जून के बाद हो ऐसे में पूरा साल खराब हो जाएगा।
रहने खाने और कोचिंग का खर्च देना पड़ रहा है
राहुल गुप्ता का कहना है वे सतना से परीक्षा की तैयारी करने के लिए एक साल से शहर में रह रहे हैं। प्री परीक्षा की तैयारी करने के बाद उन्होंने इसके रिजल्ट आने के बाद मेंस की तैयारी शुरू करने का प्लान किया था, लेकिन रिजल्ट लेट होने से उन्हें तैयारी को कंटीन्यू करना पड़ रहा है। इसके चलते रहने खाने के खर्च के साथ कोचिंग के खर्च में भी बढ़ोतरी हो रही है। परीक्षा विशेषज्ञ प्रदीप श्रीवास्तव का कहना है कि पीएससी ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में रिजल्ट देने का बोला था। रिजल्ट लेट होने का असर विद्यार्थियों की मानसिकता पर पड़ता है। परीक्षा के पहले ही सभी नियमों को क्लियर कर लेना चाहिए। ऐसा कई बार हुआ है कि पीएससी के रिजल्ट एक से दो साल बाद जारी हुए है। इसमें विद्यार्थियों का कॅरियर चौपट हो जाता है। कई विद्यार्थियों की तय उम्र भी निकल जाती है।
पैरेंट्स हर दिन रिजल्ट की बात करते हैं
खंडवा से परीक्षा की तैयारी करने आई शिवानी शर्मा का कहना है कि पैरेंट्स हर दिन रिजल्ट का पूछते हैं उन्हें पता नहीं पा रहे हैं कि रिजल्ट कब तक आएगा। शिवानी का कहना है कि परिवार वाले हर महीने पैसा भेजते हैं वे चाहते हैं कि जल्दी से हम करियर को आगे बढ़ाए। ऐसे में रिजल्ट समय पर नहीं आने से परिवार को खराब आर्थिक स्थिति से गुजरना पड़ रहा है।